इंसाफ के तराजू पर ‘बेगुनाह’
अंग्रेजी में सर आर्थर कानन डायल को बख्श दें तो भारत में भी जासूसी लेखन की समृद्ध परंपरा आप देख सकते हैं। विश्व साहित्य में अगर इसका मूल्यांकन हो तो…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
अंग्रेजी में सर आर्थर कानन डायल को बख्श दें तो भारत में भी जासूसी लेखन की समृद्ध परंपरा आप देख सकते हैं। विश्व साहित्य में अगर इसका मूल्यांकन हो तो…