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JASOOS ZINDA HAI

जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।

JASOOS ZINDA HAI

जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।

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      • गौरव पांडेय को साहित्य अकादेमी पुरस्कार
      • क्या अकेलापन एक बीमारी है?
      • जिंदगी के सूत्र थे पातर की कविताओं में
      • मृणाल वल्लरी को विष्णु प्रभाकर सम्मान
      • मोबाइल रेडिएशन सेहत के लिए खतरनाक
      • जीवन तपती रेत सा, भीगे नैनन कोर
      • लू की चेतावनी, बच कर रहिए
      • क्यों अहम है आपके मुंह का लार?
      • नब्बे के हुए रस्किन बांड
      • कूड़ा बीनने वाले बच्चों को पहुंचाया स्कूल
      • क्यों जरूरी हैं सुबह की सैर
      • रस्किन साहित्य अकादेमी के सदस्य
      • आत्ममुग्ध होना भी एक रोग है
      • रवा राजपूतों पर आई एक किताब
      • पंजाबी कवि सुरजीत पातर नहीं रहे
      • आखिर क्यों जरूरी है सुपरफूड
      • संभलिए, खतरे में है आपका दिल
      • कब जा रहे हैं आप वासुदेव घाट?
      • बाप का नाम और बैंक-खाता
      • चावल के आटे की रंगोली
      • दादाजी और नई फसल
      • रामभरोसे के दस्त
      • नए कलेवर में आ रहीं हैं कहानियां
      • जिंदगी से निकलती हैं कहानियां
      • ओलंपिक में गिल्ली-डंडा
      • शीला सिद्धांतकर सम्मान शालू शुक्ला को
      • एआई के लिए तय होंगे नियम
      • कई लेखिकाओं को अनीता प्रभाकर सम्मान
      • कुछ यादें नानका की
      • कैमरे में गुम होता इंसान
      • कई लेखकों को व्यंग्य यात्रा सम्मान
      • साहित्यकार संजीव कुमार का अभिनंदन
      • क्या पकड़ ढीली हो रही सीआईए की
      • सत्य एक डकैती का
      • क्या कभी सामने आएंगे एलियन
      • होली, चंदा और डांसर
      • मौसम बदला, दिलों में खिले फूल
      • एआई के खतरे के लिए भी रहिए तैयार
      • पेंशन की महिमा और मां-बाप
      • दिल की गिरह खोल दो, चुप न बैठो…
      • जब किंग्जवे कैम्प बना शरणार्थी शिविर
      • आखिर कितनी संवेदनशील होंगी रोबोट स्त्री
      • होली पर अजीब है ‘गला मिलन’
      • सत्तर साल का जश्न, लेखकों का बड़ा जुटान
      • लेखक प्रभा वर्मा को सरस्वती सम्मान
      • फागुन के रंग-कविता के संग
      • आखिर आप इतने तनाव में क्यों हैं
      • सिनेमा में थोड़ा-थोड़ा इतिहास भी : गुलजार
      • साज-बाज : स्त्रियों के मन का लिफाफा  
      • कई महिला हस्तियों को मिला शक्ति सम्मान
      • उपन्यासों को रंगमंच तक पहुंचाया सुरेन्द्र शर्मा ने
      • मनुष्य होना बड़ी बात : डॉ. त्रिपाठी
      • चैन से सुलाने को जगाता एक रिपोर्टर
      • दिल खोल कर कहिए…इरशाद
      • गरीब आदमी की अर्थव्यवस्था और वोट
      • साहित्य अकादेमी के 70 साल, आज से जश्न
      • स्त्री क्यों डरती है, आज भी बड़ा सवाल
      • हैरी पॉटर की प्रूफ कॉपी 11 हजार पाउंड में
      • सावित्री बाई फुले की स्मृति में 25 महिलाओं को सम्मान  
      • कब्रिस्तान के मतदाता
      • महबूबा, चिराग और रोशनी
      • दिल्ली में जब बन गए बेवकूफ
      • छोड़ कर जाते बच्चे, मां की नम होतीं आंखें
      • नेता की पत्नी और स्विस बैंक
      • नाटकों के सामाजिक सरोकार पर परिचर्चा
      • दिल ने दिया दगा, खो गया आवाज का जादूगर
      • महरी क्यों नहीं आती लेखक के घर में
      • आउट-नॉट आउट
      • भारतीय ज्ञानपीठ हुआ ‘गुलजार’
      • कुछ कही, कुछ अनकही
      • रात में कुत्तों की बातें
      • बनना किसी लेखक की वेबसाइट का
      • नहीं रहीं लेखिका उषा किरण खान
      • भावों की गागर है ‘अंतर रश्मियां’
      • पुस्तक मेले में उमड़े क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग
      • एकतरफा प्रेम अधिकार नहीं, सनक है
      • दिल्ली में लगेगा दुनियाभर की पुस्तकों का महाकुंभ
      • दिल, बहाने और हम
      • अपना-अपना कमरा
      • कुनमुना रही फरवरी की भोर
      • शर्ट तुम्हारी, बटन हमारे
      • ‘कविसंधि’ में रंग जमाया पंजाबी कवि देव ने
      •  रसिक श्रोताओं का मन मोहा काव्य-संध्या ने
      • संस्मरण-मेरी अम्मा और भाटिया जनरल स्टोर
      • महानगर, गंदगी और शोध
      • बेटियां नहीं हैं कठपुतलियां
      • काने मच्छर की महबूबा
      • क्या मोबाइल रेडिएशन सेहत के लिए खतरनाक है?
      • चुनाव, प्रत्याशी और गालियां
      • अपने-अपने कबीर
      • सोफिया आ रही है
      • नेता, सांस और फुर्सत
      • …क्योंकि हर चेहरा एक मुखौटा है
      • सन्निधि की शतक संगति में हस्तियों का सम्मान
      • लेखकों को सम्मानित करेगा इंडिया नेटबुक्स
      • गुप्त अभियान पर कैमरा
      • याद आएंगे भोजपुरी साहित्य के ‘हरि भैया’
      • भारंगम में इस बार ‘नटुआ नाच’ भी शामिल  
      • आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है
      • गिले-शिकवों की पोटली
      •  आकांक्षा पारे को विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान  
      • मां की ममता
      • पापा का वेलेंटाइन डे गिफ्ट
      • अपना घर- एक अलग नजरिया
      • गंगा-जमुना सी बह उठीं आंखें
      • चुनाव, नेता और बवासीर
      • कवि प्रभात पर ‘बखत’ का विशेष अंक
      • चला गया प्रेम का देवता इमरोज
      • गंगा मैया की गोद में अठखेलियां
      • होना एक शरीफ आदमी का!! -अतुल मिश्र
      • संजीव के उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ को साहित्य अकादेमी
      • सर, बीमार होने का मन कर रहा है  -अतुल मिश्र
      • हमारी अधूरी भूत-कहानी
      • कवयित्री रूपी कौर ने ठुकराया अमेरिकी राष्ट्रपति का निमंत्रण
      • पुस्तक प्रेमियों के लिए साहित्य अकादेमी में कई कार्यक्रम
      • एक मेला हिंदी का, कोलकाता में लगेगा 26 से
      • अदिति माहेश्वरी को फ्रांस ने किया सम्मानित
      • पुष्पा भारती को व्यास सम्मान देने का एलान
      • हिंदी साहित्य में नए आंदोलन खड़े किए पत्रिकाओं ने : ममता
    • उपन्यास
      • सुरिन्दर की वो चाय
      • पेंशन की महिमा और मां-बाप
      • इंसाफ के तराजू पर ‘बेगुनाह’
      • जब देवकी बाबू के तिलिस्म में खो गई तोता-मैना की कहानियां
      • लोकायुक्त आर्ट गैलरी में लगेंगी ज्योति आर्या की दो समूह कला प्रदर्शनियां
      • बुकर पुरस्कार से सम्मानित हुए पाल लिंच
      • नौ राज्यों में दिखेगी ‘भारंगम’ की इंद्रधनुषी छटा
      • अभिमन्यु मैं तुम्हारी माया हूं।
      • कुत्तों को कुत्ता न बोलें
    • कहानी
      • टीवी एंकर कैसे बन गए गए ‘फैंकर्स’
      • लाल किले पर तिरंगे को सलाम
      • मुखौटे के पीछे का दर्द
      • पर्यावरण-पक्षियों का एक गहरा दोस्त  
      • अधूरी दुनिया मां बिन
      • ये कैसा स्वेटर वितरण
      • मनमोदी : उम्मीदों और नाउम्मीदियों का दस्तावेज
      • कोठरी में बाबू जी की बेटी
      • परी कथा जैसी ‘1942 : अ लव स्टोरी’
      • ‘कही अनकही’ में पाठकों के मन को कुरेदा
      • प्रोफाइल चेंज
      • चैट जीपीटी से क्यों डरे हुए हैं लेखक
      • शिव से मैं शिवमय
      • तुम्हें याद हो कि न याद हो
      • … मनाली मुझे छोड़ कर मत जाओ
      • मेरे बाद अध्याय -1
      • मेरे बाद अध्याय- 2
      • मेरे बाद अध्याय -3
      • मेरे बाद अध्याय -4
    • समीक्षा
      • दिलों की चारागरी करता इक शायर
      • अद्वितीय है सुरेंद्र मोहन मिश्र संग्रहालय
      • महज जासूसी कथा भर नहीं है नक्काश
      • चार कत्ल के पीछे क्या थी कहानी -भावना मगन तरु
      • उदय एक भारतीय जेम्स बांड का
      • क्या बदल रहे हैं स्त्री-पुरूष के रिश्ते
    • जासूस
      • चीन की जासूसी से न्यूजीलैंड भी डरा
      • राजनयिक कर रहे जासूसी, गुस्से में पुतिन
      • देखिए बर्लिन की जासूसी दुनिया
      • हर कदम पर हो रही है आपकी जासूसी
      • छात्रों को चीन की नसीहत, हसीनाओं से बचो
      • मोसाद का वित्तीय नेटवर्क प्रमुख गिरफ्तार
      • पाक से जुड़े जासूसों पर कसा शिकंजा
      • अब  सैटेलाइट से जासूसी करेगा ब्रिटेन
      • जासूसी में तीन अधिकारी गिरफ्तार
      • नेपाल में चीन का इरादा क्या है?
      • आईएसआई के पूर्व प्रमुख फैज क्यों हुए गिरफ्तार
      • जासूसी में रूस भी नहीं पीछे
      • आपके ई-मेल पर किसी की नजर तो नहीं
      • जूम ऐप से क्या जासूसी का खतरा?
      • इसने रची थी ट्रंप को मारने की साजिश?
      • उसने थानेदार पति की कराई जासूसी
      • पेट में दर्द? कहीं आंतों में सूजन तो नहीं
      • जासूसी में फंसा रूसी दंपति जेल से छूटा
      • जासूसी के आरोपी लेखक और पत्रकार रिहा
      • जासूसी में उलझे उत्तर और दक्षिण कोरिया
      • ओलंपिक के दौरान हत्थे चढ़ा जासूस
      • नगमा उर्फ सनम पर जासूसी का शक
      • चीनी जासूसों से यूरोप भी हलकान
      • महिला ने वाइट हाउस में बैठ कर की जासूसी?
      • आस्ट्रेलिया में जासूस दंपति की मुसीबतें
      • जासूसी का आरोप, मगर सजा रद्द
      • ब्राजील में इस तरह हुई जासूसी
      • जासूसी करने पर 16 साल की सजा
      • अब जीतू पटवारी के फोन की जासूसी!
      • एक राजनीतिक जासूसी ऐसी भी
      • इसरो मामले में अफसरों के खिलाफ आरोपपत्र
      • मेरे फोन की जासूसी हुई : वेणुगोपाल
      • पाक जासूसों पर एनआईए की नजर
      • जासूसी के लिए मालदीव खरीद रहा ड्रोन
      • कई ऐप और गेम्स से जासूसी करता चीन
      • हांगकांग के जासूसों के मददगार की मौत
      • इसरो जासूसी : अफसरों के खिलाफ आरोपपत्र
      • राष्ट्रपति का आया फोन, रिहा हुआ जासूस
      • जर्मनी में जासूसी करते तीन गिरफ्तार
      • रिहा हुए जासूसी में बंद जूलियन असांजे
      • उसने कबूला, हां मैंने जासूसी की
      • अब फ्रांसीसी जासूस मास्को में गिरफ्तार
      • जासूसी करने पर नौसेना अधिकारी को सजा
      • गरीबों का मददगार ‘जासूस विजय’
      • रूस के लिए जासूसी, पत्रकार जेल में
      • क्या चीनी युगल बन रहे हैं जासूस
      • तुर्किए ने ऐसे तोड़ी मोसाद की मंशा
      • जासूसी करने पर इंजीनियर को उम्रकैद
      • सीआइडी : हिंदी सिनेमा में पहली जासूसी
      • तो अब मच्छरों की भी होगी जासूसी?
      • आखिर क्यों बना जासूसों का क्लब
      • देश के खिलाफ जासूसी करते धरा गया
      • रईसी की मौत, क्या मोसाद की साजिश?
      • चीनी जासूसों से घबराई दुनिया
      • साइबर जासूसी पर रूस को जर्मनी की चेतावनी
      • जब जासूस की पत्नी को दिया गया जहर
      • इस चुनाव में भी खूब हुई जासूसी
      • वे मोसाद के लिए करते थे जासूसी
      • जासूसी कर रहे हैं कई एप्स
      • फिर क्यों आया चीन का जासूसी जहाज
      • जासूसी उपग्रह भी बना रहे एलन मस्क
      • कबूतरों ने भी खूब की है जासूसी
      • वह नौकरी छोड़, करने लगा जासूसी
      • एक थी जासूस मार्था
      • सऊदी में क्यों उतरा मोसाद का विमान
      • क्या आयुष्मान खुराना बनेंगे जासूस
      • इजराइल के खुफिया प्रमुख का इस्तीफा
      • जर्मनी ने पकड़े दो रूसी जासूस
      • विश्व युद्ध में महिला जासूसों की जांबाजी
      • होना एक जासूस पत्रकार का
      • हक्का बक्का रह गईं जासूसी एंजसियां
      • क्या रूसी जासूस को छुड़ा पाएंगे पुतिन
      • राजनीति में उतरा एक जासूस
      • कब्रिस्तान के मतदाता
      • चुनावों पर चीनी हैकरों की नजर
      •   सरस्वती : कच्ची उम्र में पक्की जासूस
      • मलयाली लेखक ने क्यों दिया इस्तीफा
      • परमाणु वैज्ञानिक ने की जासूसी
      • जासूसी कर रहे चीनी हैकर, कई देश खफा
      • अजीब दास्तां शी पेई पू की
      • चीन की जासूसी अब बड़ी चुनौती
      • याद है न, एक थी केजीबी!
      • …जब मोसाद ने खाया गच्चा
      • कौन था रूस का वह ‘अंडर कवर एजंट’
      • जासूस हो, तो करमचंद जैसा
      • जासूसी के खेल में पति-पत्नी
      • कई श्रेणी के जासूस थे ढाई हजार साल पहले
      • क्या असल में भी था कोई जेम्स बांड
      • मालदीव के पास चीनी जहाज कर रहा है जासूसी?
      • क्यों भूल गए जासूस डूपिन को
      • अब जमीन से लेकर आसमान तक जासूसी
      • भगतराम : जासूसों की दुनिया का चमकता सितारा
      • हरक्यूल पॉयरोट : छोटे कद का घमंडी जासूस
      • जासूस फेलु दा : सिर पर न हैट, न कोई स्टाइल  
      • केशव पंडित : नकली लेखक, असली जासूस
      • इब्ने सफी : जासूसी लेखन के बेताज बादशाह
      • चाणक्य के पास भी थी जासूसों की फौज
      • जॉन ल’ कॉर : जब जासूस बन गया उपन्यासकार
      • जब छात्रों ने ‘लेडी शर्लक होम्स’ कहा मुझे
      • तुर्की की हवाओं पर उमित के जासूसी अफसाने
      • वह दुश्मन देश के लिए कर रहा था जासूसी
      • आपके आसपास भी छिपे हैं जासूस
      • इयान फ्लेमिंग : जेम्स बांड की तरह खुली किताब
      • ‘आदमी का जहर’ से क्या डर गए थे श्रीलाल शुक्ल
      • जब अपनी ही गुमशुदगी रची जासूसी उपन्यासकार ने
      • ओटीटी मंचों पर भी देखिए जासूसी फिल्में
      • बच्चों के लिए खतरनाक है वीडियो गेम
      • जब मैंने की जासूसों की जासूसी
      • गजाला ने क्यों लिखना छोड़ा जासूसी उपन्यास
      • राजन इकबाल यानी बच्चों के सीक्रेट जासूस
      • जब अखबार का रिपोर्टर बन गया जासूस
      • जासूस कहलाना क्यों पसंद नहीं ब्योमकेश को?
      • शेरलॉक होम्स : ऐसी दीवानगी, देखी कभी नहीं
      • बहन की चुनौती पर अगाथा ने लिखा उपन्यास
      • सुरेंद्र पाठक : एक अकेला सब पर भारी
      • कुछ तो बात है इस टाइगर में
      • वेद प्रकाश : अम्मा देख… तेरा मुंडा बिगड़ा जाए
      • ओमप्रकाश : जासूसी लेखन में उपेक्षितों की आवाज
      • जेम्स बांड के लिए डेनियल के बाद कौन
      • कहां गुम हो गई माया, किसी को पता है?
      • दुनिया को हर दौर में चाहिए एक जेम्स बांड
      • दुर्गा बाबू : एक शेरलॉक होम्स हमारा भी
      • जासूसी लेखन में सबसे अनोखे इब्ने सफी  
      • जासूसी मामले में सजा पाए आठ भारतीयों को मिली राहत
      • गहमरी : पत्रकार बना जासूसी कथाओं का लेखक
      • क्या एआई बदलेगी जासूसों की दुनिया
      • क्यों लोकप्रिय हुआ वर्दी वाला गुंडा
      • उस जासूस को कौन भूलेगा, जिसका नाम था सुनील
      • दस जेम्स बांड पर भारी एक आरएन काव
      • भारत की महिला जेम्स बांड हैं रजनी पंडित
      • इंदिरा गांधी ने किसे कहा था, ब्लैक टाइगर
      • हमेशा याद आएगी मासूम सहमत की दिलेरी
      • दो जासूस करें महसूस कि दुनिया बड़ी खराब है…
      • क्या उपन्यासों में फिर लौट रहे हैं जासूस  
      • जासूस नूर को ब्रिटेन और फ्रांस करते हैं सलाम
      • पुरुषों की हैवानियत का शिकार हुई माता हारी
      • सीआइडी : एक संपादक के हत्यारे की तलाश
      • आज भी सीटियां बजा रहा है मेजर बलवंत
    • कविता
      • चलो इंद्रधनुष तुमको दिखलाएं
      • नदियों की धारा हिंदी है
      • जब पिता की आई याद
      • घृणा का यह कैसा चक्र
      • धरती से आसमान का प्रेम
      • पत्तों के तुम साज बना दो…
      • खुद को बचा कर रखना
      • इस माटी की शान लिखूं
      • स्मृतियों का स्मारक
      • तारों के बीच चांद से हैं पापा
      • तुम आओगे न…
      • पंख बन गए मेरे केश
      • निर्बाध बहने दो…
      • ये जो आंखों में नमी है
      • दौड़ लगाते बादल
      • जब भटके मन
      • तुम्हारी ही लिखावट हूं मां
      • तुम अहिल्या नहीं हो
      • बस इतना सा ख्वाब है
      •  घर अकेला रह गया
      • वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ
      • प्रेम करना तुम प्रकृति से
      • लिहाज के लिफाफे में अर्जियां
      • एक खत मां के नाम
      • बंसी से मेरा प्रेम
      • आइना  रोज    देखता   हूं   मैं
      • बेटी को आई मां की याद
      • मैं धरती बन संवरती रही
      • प्रेम में हो आजन्म प्रेम
      • चील और चिड़िया
      • जीवन लिख जाना तुम…
      • पचपन पार का पुरुष
      • मैं फरवरी की धूप होना  चाहती हूं
      • एक समुद्र समाहित रहता है…
      • अदना सा है आदमी
      • लड़के रोते नहीं
      • संजीव सागर
      • तुम्हारी यादों का जो तिलिस्म है
      • दीवार पर छोटे बच्चे की अर्जी
      • वसंत आने को है…
      • दिल्ली को बहुत शीत बुखार है
      • नन्हीं मुट्ठियों में चमकीली धूप और खुशियां
      • सिर्फ प्रतीक्षा मिली
      • सब कुछ वहीं का वहीं है बगैर तुम्हारे…
      • किसकी सूरत है, जाने कुछ  जानी-पहचानी है
      • मुस्कुराती है सपने में मुनिया
      • उलझी हुई रोज तलती निराश जलेबी
      • मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी
      • दूरियां बढ़ रहीं हैं क्योंकि…
      • हम इमरोज़ नहीं, पर रोज मिलेंगे
      • इत्र की शीशियों में एक ग़ज़ल
      • स्त्री क्यों डरती है
      • श्रीलंका की कवयित्री की कविता : अस्सी घाट 
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साहित्य

इंसाफ के तराजू पर ‘बेगुनाह’

adminadmin November 21, 2023 1 Comments

अंग्रेजी में सर आर्थर कानन डायल को बख्श दें तो भारत में भी जासूसी लेखन की समृद्ध परंपरा आप देख सकते हैं। विश्व साहित्य में अगर इसका मूल्यांकन हो तो…

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