नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी की ओर से ‘पुस्तकायन’ पुस्तक मेले में युवा साहिती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें हिंदी, मैथिली, पंजाबी, संस्कृत और उर्दू के कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। सर्वप्रथम हिंदी के युवा कवि शचींद्र आर्य ने अंतराल, अनुपस्थित, धौला कुआं, नदी, कम जगह और चीड़ों पर चांदनी  शीर्षक से अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं, जिन्हें श्रोताओं ने बेहद पसंद किया।

मैथिली की युवा कवयित्री संस्कृति मिश्र ने शरद गीत और अन्य रचनाएं सस्वर प्रस्तुत कीं। पंजाबी कवि गगन संधू ने अपनी तीन कविताएं और संस्कृत कवि ऋषिराज पाठक ने एक काव्य नाटिका प्रस्तुत की। अंत में उर्दू के शायर इरशाद खान सिकंदर ने अपनी कई गजलें सुनाईं। उनकी कई गजलों जैसे तेरी हस्ती को गुनहगार संभाले हुए हैं, इस घड़ी ख्वाब कोई सस्ता देख, मैं आदमी हूं हाशिए से पहले का, शायरी के कंठ नीले हो गए आदि को श्रोताओं ने भरपूर दाद मिली।

कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के उपसचिव कृष्णा किंबहुने ने सभी कवियों का स्वागत किया। साहित्यिक कार्यक्रम से पहले हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम तेरह वर्षीय मौलिक बंसल ने तबला वादन प्रस्तुत किया। इसके बाद उत्कर्ष झा ने राग वागेश्वरी, भजन और एक कजली सुनाईं।

साहित्य अकादेमी का यह पुस्तक मेला अकादेमी परिसर में नौ दिसंबर 2023 तक चलेगा। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व अन्य भारतीय भाषाओं के 50 स्टॉल लगे हैं। मेले में जो कुछ प्रमुख प्रकाशन उपस्थित हैं, वे नाम हैं-राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, किताब घर, प्रभात प्रकाशन, सामायिक प्रकाशन, ओम बुक इंटरनेशनल, पैंगुइन रैंडम हाउस इंडिया, नियोगी बुक्स, इंडिया टुडे, रेख्ता फाउंडेशन के अतिरिक्त प्रकाशन विभाग, सीसीआरटी, चिल्ड्रन बुक्स ट्रस्ट आदि। बच्चों के प्रमुख प्रकाशक एकलव्य और इकतारा के स्टॉल भी मेले में हैं।

साहित्यिक कार्यक्रम के अंतर्गत मुशायरा का आयोजन भी किया गया। इसकी अध्यक्षता चंद्रभान खयाल ने की। खालिद महमूद, आजिम कोहली, फारूक अर्गली, मोइन शादाब और तहसीन मुनव्वर अपने-अपने कलाम प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत कथक की प्रस्तुति भी हुई। 

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