नई दिल्ली। पुष्पा भारती को 2023 का व्यास सम्मान मिलेगा। उनके संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। केके बिड़ला फाउंडेशन ने यह जानकारी दी। इस पुरस्कार के अंतर्गत चार लाख रुपएकी राशि के अलावा प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जाता है।
प्रो. रामजी तिवारी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पुष्पा भारती की रचना को पुरस्कार के लिए चुना। इस समिति में प्रो. अनिल राय, डॉ. श्याम सुंदर पांडेय, डॉ. विजया सती और अरुण गुप्ता के अलावा फाउंडेशन के निदेशक डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण शामिल थे।
अपने संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ में पुष्पा भारती ने बड़े साहित्यकारों से जुड़े अविस्मरणीय संस्मरणों को संकलित किया है। इसमें खास तौर से महादेवी वर्मा, माखन लाल चतुर्वेदी, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय, कमलेश्वर तथा राही मासूम रजा और अन्य साहित्यकार शामिल हैं।
पुष्पा भारती का यह संस्मरण साल 2016 में प्रकाशित हुआ था। बिड़ला फाउंडेशन का यह प्रतिष्ठित सम्मान चयन वर्ष से दस साल पहले तक की अवधि में छपी हिंदी की किसी उत्कृष्ट कृति को दिया जाता है। फाउंडेशन ने 1991 में इस सम्मान का आरंभ किया था।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्मीं पुष्पा भारती हिंदी की प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। उनकी कई पुस्तकें यथा ‘सफर सुहाने’, ‘ढाई आखर प्रेम के’, ‘शुभागता’, ‘सरस संवाद’ चर्चित रहीं। वे कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान और कालिदास अकादमी का हिंदी सेवा सम्मान प्राप्त हो चुका है।
इससे पहले डा. रामविलास शर्मा, डा. शिवप्रसाद सिंह, गिरिजा कुमार माथुर, डा. धर्मवीर भारती, चित्रा मुद्गल, मृदुला गर्ग, मन्नू भंडारी और डा. ज्ञान चतुर्वेदी को यह सम्मान मिल चुका है।