चार कत्ल के पीछे क्या थी कहानी -भावना मगन तरु
नई दिल्ली। कुछ लेखक कई बार कहानी की तलाश करते रहते हैं। तो लेखक आदित्य एक बार दोस्तों के साथ रेस्तरां में बैठे थे और एक किताब लिखने की सोच…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। कुछ लेखक कई बार कहानी की तलाश करते रहते हैं। तो लेखक आदित्य एक बार दोस्तों के साथ रेस्तरां में बैठे थे और एक किताब लिखने की सोच…
नई दिल्ली। खोजी पत्रकारिता और जासूसी में महीन सा फर्क है। सत्तर के दशक से लेकर नब्बे के दौर में खोजी पत्रकारिता का लंबा दौर चला। देश के कुछ प्रतिष्ठित…