नई दिल्ली। हिंदी कथाकार संजीव के उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ को इस साल का साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिलेगा। जबकि अंग्रेजी भाषा में नीलम शरण गौर के उपन्यास ‘रेक्युम इन रागा जानकी’ को यह सम्मान दिया जा रहा है। साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अकादमी पुरस्कार 2023 की घोषणा की। चौबीस भारतीय भाषाओं में नौ कविता संग्रह, छह उपन्यास, पांच कहानी संग्रह, तीन निबंध और एक आलोचना की पुस्तक को अकादेमी पुरस्कार मिलेगा।

पुरस्कार के लिए चयनित संजीव का उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ भारत में प्रचलित सती प्रथा पर आधारित है। राजा राममोहन राय की भाभी पर सती प्रथा को लेकर हुए उत्पीड़न को लेकर केंद्र में रखकर यह उपन्यास लिखा गया है। पुरस्कार की घोषणा के बाद संजीव ने कहा कि उनका यह उपन्यास स्त्रियों के शोषण की कथा कहता है। इसमें सती प्रथा के साथ स्त्रियों के शोषण और उस समय के सामाजिक परिवेश को शामिल किया गया है।

साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में कार्यकारी मंडल की बैठक हुई। इस बैठक में पुरस्कार के लिए कृतियों  का चयन हुआ। हिंदी भाषा के लिए चयन समिति में साहित्यकार नासिरा शर्मा, रामजी तिवारी और लीलाधर जगूड़ी शामिल थे। साहित्य अकादेमी पुरस्कार के लिए चुने गए संजीव का उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ को सेतु प्रकाशन ने छापा है।

आापको याद होगा कि पिछले साल बद्री नारायण को उनके कविता संग्रह ‘तुमड़ी के शब्द’ के लिए पुरस्कार मिला था। हिंदी में पहली बार माखन लाल चतुर्वेदी को उनके काव्य ‘हिमतरंगिनी’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

कहानी संग्रह में बोडो में नंदेश्वर दैमारि, कोंकणी में प्रकाश एस. पर्येंकार, असमिया भाषा के लिए प्रणवज्योति डेका, संथाली भाषा के लिए तारासीन बासकी और तेलुगु के लिए टी. पतंजलि शास्त्री को सम्मानित किया जाएगा। निबंध के लिए मैथिली में बासुकीनाथ झा, कन्नड़ भाषा के लिए लक्ष्मीशा तोल्पडि, नेपाली में युद्धवीर राणा की कृतियों को चुना गया है। आलोचना के लिए मलयालम में ई.वी. रामकृष्णन की कृति को साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्रदान जाएगा।

अंग्रेजी भाषा में नीलम शरण गौर के उपन्यास ‘रेक्युम इन रागा जानकी’, संस्कृत में अरुण रंजन मिश्र के कविता संग्रह ‘शून्ये मेघगानम्’, उर्दू भाषा के लिए सादिका नवाब सहर के उपन्यास ‘राजदेव की अमराई’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है। डोगरी भाषा के लिए विजय वर्मा, कश्मीरी के लिए मंशूर बनिहाली, मणिपुरी भाषा के लिए सोरोख्खैबम गंभिनी, ओड़िया भाषा के लिए आशुतोष परिडा, पंजाबी के लिए स्वर्णजीत सवी, गुजराती के लिए विनोद जोशी, राजस्थानी के लिए गजेसिंह राजपुरोहित, सिंधी के लिए विनोद आसुदानी की कृतियों को चुना गया है। इन सभी को कविता संग्रह के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। उपन्यास के लिए मराठी में कृष्णात खोत, बांग्ला भाषा में स्वप्नमय चक्रबर्ती और तमिल में राजशेखरन को चुना गया है।

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