मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी
-संजीव सागर मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी,बूझ न पाया मैं वो पहेली मां जैसी। हरदम ही दुनिया से लड़ती रहती है,मेरी खातिर एक अकेली मां जैसी। पहली बार…
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-संजीव सागर मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी,बूझ न पाया मैं वो पहेली मां जैसी। हरदम ही दुनिया से लड़ती रहती है,मेरी खातिर एक अकेली मां जैसी। पहली बार…