दुर्गा बाबू : एक शेरलॉक होम्स हमारा भी
जासूस डेस्कनई दिल्ली। हिंदी साहित्य ही नहीं जासूसी कथा साहित्य में भी दुर्गा प्रसाद खत्री एकमात्र लेखक हैं जिन्होंने अपने मशहूर पिता की विरासत को ही आगे नहीं बढ़ाया बल्कि…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
जासूस डेस्कनई दिल्ली। हिंदी साहित्य ही नहीं जासूसी कथा साहित्य में भी दुर्गा प्रसाद खत्री एकमात्र लेखक हैं जिन्होंने अपने मशहूर पिता की विरासत को ही आगे नहीं बढ़ाया बल्कि…
-सुगंधि कुलसिंह हाय जलेबी,दिन रात फुटपाथ परबिकती हुई जलेबीहर किसी की तलाश ऐसीगरमा-गरम जलेबी,चारों तरफ उलझी हुईरोज तलती निराश जलेबी,मन की खुशी तन की सुखीऐसी चाशनी जलेबी,तनख़्वाह के दिन…