सब कुछ वहीं का वहीं है बगैर तुम्हारे…

-सुगंधि कुलसिंह आदत से मजबूर मैंनेआज भीवही धूसर कागज वालीकाली डायरी खोल ली,हमेशा की तरह।नए पन्ने के ऊपर,कोने पर आज कीतारीख लगा दी,मम्मी की पीले तार वालीपुरानी काली साड़ी सेछोटा…

कुछ तो बात है इस टाइगर में

जासूस डेस्कनई दिल्ली। भारतीय कथा साहित्य में ‘ऐयार’ पन्ना-दर-पन्ना टहलता हुआ जब रूपहले पर्दे पर आया तो लाखों पाठकों ने अपनी कल्पना को साकार होते देखा। वह ‘ऐयार’ स्पाई यानी…