…क्योंकि हर चेहरा एक मुखौटा है
साहित्य डेस्कनई दिल्ली। हर मनुष्य एक कहानी और हर चेहरा एक मुखौटा है। कलाकार संजय भोला धीर यही कहना चाहते हैं। सचमुच बहुत मुश्किल है उसे पढ़ना और पहचानना। किसी…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
साहित्य डेस्कनई दिल्ली। हर मनुष्य एक कहानी और हर चेहरा एक मुखौटा है। कलाकार संजय भोला धीर यही कहना चाहते हैं। सचमुच बहुत मुश्किल है उसे पढ़ना और पहचानना। किसी…
साहित्य डेस्कनई दिल्ली। दिल्ली की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘सन्निधि संगोष्ठी’ ने विष्णु प्रभाकर और काका साहेब कालेलकर की स्मृतियों को नमन करते हुए अपनी सौवीं संंगोष्ठी पूरी की। दो सत्रों…