अनुसंधान डेस्क
नई दिल्ली। इन दिनों बच्चों में वीडियो गेम की लत और मोबाइल से चिपके रहने के कारण ज्यादातर अभिभावक परेशान हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अनसंधान के मुताबिक वीडियो गेम के दौरान अक्सर ध्वनि का स्तर कानों के लिए निर्धारित सुरक्षित सीमा से अधिक होता है और इसकी वजह से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उत्तरी अमेरिका, यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया, आॅस्ट्रेलिया और भारत सहित एशिया के नौ देशों में प्रकाशित 14 अध्ययनों की समीक्षा की है। इन अध्ययनों में 53,833 लोगों को शामिल किया गया था। इस अनुसंधान के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक मोबाइल में ध्वनि का औसत स्तर 43.2 डेसिबल (डीबी) से लेकर गेमिंग सेंटर में 80-89 डीबी के बीच था। अगर हम सप्ताह में 20 घंटे से ज्यादा समय 83 डेसिबल (डीबी) शोर में रहते हैं तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
अनुसंधान के मुताबिक इसी तरह सप्ताह में किसी वयस्क को 86 डेसिबल (डीबी) शोर में केवल 10 घंटे, 90 डेसिबल में चार घंटे, 92 डेसिबल में ढाई घंटे, 95 डेसिबल में एक घंटा, और 98 डेसिबल में 38 मिनट से ज्यादा नहीं रहना चाहिए। यदि वे इससे ज्यादा समय इस शोर में रहते हैं तो यह उनके स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है।
बच्चों के लिए जो मानक तय किए गए हैं उसके मुताबिक कोई बच्चा सप्ताह में केवल 40 घंटे तक 75 डेसिबल के शोर में सुरक्षित रह सकता है। इसके बाद 83 डीबी में करीब लगभग साढ़े छह घंटे, 86 डीबी में करीब 3.25 घंटे, 92 डीबी पर 45 मिनट तक और 98 डीबी शोर को प्रति सप्ताह केवल 12 मिनट तक सुरक्षित रूप से सुन सकते हैं।
हम सबके लिए यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि बच्चों के लिए इस तरह के शोर का सुरक्षित स्तर 100 डेसीबल जबकि वयस्कों के लिए 130 से 140 डीबी के बीच ही है। इससे ज्यादा शोर के बीच लगातार रहने से बहरापन होने का अंदेशा है।
(स्रोत : डीटीई मैगजीन और हील इनिशिएटिव)