जासूस डेस्क
नई दिल्ली। अगाथा क्रिस्टी के उपन्यासों की पूरी दुनिया दीवानी है। मगर वे किसकी दीवानी थी? यह हमें जानना चाहिए। उन्होंने अपना जीवन भरपूर जिया। खूब किताबें लिखीं। ये करोड़ों की संख्या में बिकीं। अपराध कथाओं और जासूसी उपन्यासों ने उन्हें अपराध कथाओं की रानी बना दिया था। लेकिन उनके दिल के सूनेपन को कौन देख पाया। कोई जान नहीं पाया कि एक अच्छा दांपत्य जीवन जीते हुए भी वह खुद से विरक्त हो गई थीं। पति से भी मोह भंग हो गया था।
मां के दर्द को महसूस किया
अगाथा ने बचपन में अपने माता-पिता के जीवन जीने के तौर-तरीके को नजदीक से देखा था। मां एक सुसंस्कृत और रचनात्मक महिला थीं। वे कविताएं लिखती थीं। पिता का व्यवसाय था। उनके पास एक बड़ी नौका थी। वे आलसी बहुत थे। वे खाते-पीते और मौज-मस्ती करते थे। लिहाजा एक दिन सब खत्म हो गया। इसके बाद जो चुनौतियां सामने आर्इं इसे अगाथा ने करीब से देखा। मां के दर्द को भी समझा। तमाम संघर्षों के बाद अगाथा ने खुद को स्थापित किया। मगर उनके जीवन में क्या चल रहा था? यह किसी को उस वक्त मालूम नहीं था।
ऐसा क्या हुआ था उनके जीवन में
वैसे तो अगाथा का जीवन अच्छा चल रहा था। मगर अप्रैल 1926 में उनकी मां चल बसीं। मां से बिछड़ने पर उनको गहरा सदमा लगा। उस समय उनके पति कर्नल आर्चीबाल्ड क्रिस्टी बाहर थे। जब वे घर लौटे तो बजाय अगाथा को भावनात्मक संबल देने के, उन्हें यह कह कर झटका दिया कि वे उन्हें एक महिला से प्यार हो गया है। यह सुन कर अगाथा यह सन्न रह गर्इं। वे भीतर ही भीतर टूट गर्इं। अपनी बेटी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फिर भी वे पति के साथ रहीं। इस दौरान अगाथा के पति आर्ची नैंसी नाम की उस महिला के प्रेम में डूबे रहे।
मगर कहते हैं न कि हर चीज की एक इंतहा होती है। आखिर एक दिन पति-पत्नी में तीखी बहस हो गई। यह तीन दिसंबर की सुबह थी। अगाथा गुस्से में कार लेकर चली गर्इं। अगले दिन कार गिल्डफोर्ट के पास मिली।
… तो इस तरह लापता हो गईं अगाथा
अगाथा की हरे रंग की मॉरिस कार एक सड़क के किनारे लावारिस मिली। वहां लेखिका का कोई अता पता नहीं था। आप सोच सकते हैं कि उस समय उन पर क्या गुजर रही होगी। कहते हैं कि ग्यारह दिन गायब रहने के बाद वे हैरोगेट स्थित एक होटल पहुंचीं। अगाथा इतने तनाव और सदमे थीं कि वे बता नहीं पा रही थीं कि इस बीच उनके साथ क्या हुआ और वे खुद कौन हैं। इस घटना के बारे में तरह-तरह की चर्चा आज भी होती है। वैसे इस घटना का उनकी आत्मकथा में भी जिक्र नहीं मिलता।
क्या बेवफा पति से लिया बदला
वैसे तो कहते हैं कि अगाथा एक वाहन दुर्घटना की शिकार हुई थीं। उन्हें भूलने की बीमारी थी। उनके कुछ विरोधी कहते थे कि वे गायब होकर अपने नए उपन्यास का प्रचार करना चाहती थीं। कुछ करीबियों का मानना था कि वह अपने बेवफा पति से दूर हो जाना चाहती थीं। जब वे यार्कशायर के हैरोगेट स्थित होटल पहुंची थीं तो अगाथा ने अपना पता कैप टाउन (अफ्रीका) बताया था। इस बीच उनके गायब हेने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई थीं। लोग उन्हें ढूंढ रहे थे। मगर अगाथा इन सब बातों से लापरवाह थीं।
आखिर अगाथा को किसने ढूंढा
अखबारों में अगाथा की गुमशुदगी की तस्वीरें छप रही थीं। वहीं दूसरी ओर यह विश्व प्रसिद्ध लेखिका गुमनाम होकर होटल में आराम कर रही थीं। इस बीच दो प्रसिद्ध लेखक आर्थर कानन डायल और डोरोथी सेयर्स भी उनकी चिंता में घुले जा रहे थे। ये दोनों भी अगाथा को ढूंढ रहे थे। मगर हुआ ये कि एक शाम संगीतकार बॉब टैपिन ने अगाथा को उस होटल में पहचान लिया। उसने पुलिस को सूचना दी। दो दिन बाद अगाथा के पति ने भी इस बात की पुष्टि की कि यह महिला उनकी पत्नी है। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में आर्ची ने कहा भी था कि उसे नहीं लगता कि वे खुद को जानती हैं कि वह कौन हैं। अगाथा उसे भी नहीं पहचान रहीं। उम्मीद है कि आराम मिलने पर वे ठीक हो जाएंगी।
भूलने की बीमारी पर कई सवाल
यह सवाल आज भी लोग उठाते हैं कि क्या अगाथा जानबूझ कर गायब हो गई थीं या फिर स्मृति लोप होने के कारण ग्यारह दिन तक गुम रहीं वह भी किसी सुदूर होटल में। अलबत्ता आंशिक रूप से उन्हें भूलने की बीमारी हो सकती है। गिल्डफोर्ड से यॉर्कशायर और वहां से भी दूर हैरोगेट तक चले जाना आसान नहीं रहा होगा अगाथा के लिए, वह भी कार से। किसी ने उन्हें किसी ने होटल में अगाथा को ताश खेलते हुए देखा। निश्चित रूप से यह भावनात्मक तनाव था। पति की बेवफाई जेहन में थी।
हालांकि लेखिका ग्वेन राबिंस का कहना था कि अगाथा का अपनी याददाश्त पर नियंत्रण था। दरअसल, इस घटना से वे अपने पति से बदला लेना चाह रही थीं। वहीं एक पत्रकार जेरेड केड का मानना था कि अगाथा अपने पति के साथ रिश्ते को और तनावपूर्ण बना रही थीं। जेरेड का यह भी कहना था कि अगाथा ने अपनी गुमशुदगी जानबूझ रची थी। लेखिका के सहयोगी लेखक का कहना था कि इस घटना से वे अपने पति से बदला लेना चाहती थीं।