बेटियां नहीं हैं कठपुतलियां
अंजू खरबंदा ‘अरे दिशा बिटिया, कल लड़के वाले आ रहे हैं तुझे देखने...अच्छे से तैयार हो जाना, वह गुलाबी शिफॉन वाली साड़ी ही पहनना, खूब जंचती हो तुम उस साड़ी…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
अंजू खरबंदा ‘अरे दिशा बिटिया, कल लड़के वाले आ रहे हैं तुझे देखने...अच्छे से तैयार हो जाना, वह गुलाबी शिफॉन वाली साड़ी ही पहनना, खूब जंचती हो तुम उस साड़ी…
-अतुल मिश्र हमारे कानों पर दो मच्छर थे, जो अपने फर्ज पूरे करने के लिए भिनभिना रहे थे। सोने से पूर्व की सही भूमिका बनाने के लिए हमने कई किस्म…
अनुसंधान डेस्क नई दिल्ली। आज मोबाइल के बिना लोग एक पल भी नहीं रह पाते। वीडियो रील्स, बनाने से लेकर यूट्यूब देखने, संवाद करने और वाट्स ऐप पर संदेश देखने…
-सुगंधि कुलसिंह आज मैं गई यह सोच करबिताने कुछ वक़्त उनके साथ...खोल के अपना बंद दरवाजा,दो दिन के बादजोर से कांप रहे हैंलगातार उनके हाथ-पांव। गर्म कपड़े पहन करचलते फिरते…