ओमप्रकाश : जासूसी लेखन में उपेक्षितों की आवाज

जासूस डेस्कनई दिल्ली। एक दौर में जब गुलशन नंदा रोमानी उपन्यास रच रहे थे, उसी समय लेखक ओम प्रकाश शर्मा सर्वहारा वर्ग को ध्यान में रख कर जासूसी उपन्यास लिख…

जेम्स बांड के लिए डेनियल के बाद कौन

जासूस डेस्कनई दिल्ली। क्या जेम्स बांड थक गया है। इधर कुछ सालों में उसकी कोई फिल्म नहीं आई। क्या वह अपना किरदार अब सचमुच नहीं निभाना चाहता। इस ऐतिहासिक किरदार…

मुस्कुराती है सपने में मुनिया

-संतोषी बघेल वह खेत से लौटतीबटोर लाती है सूखी टहनियांताकि जल सके चूल्हा औरपक सके रोटियां, वो खेतों से लौट करभर लाती है गागर,मांज लेती है चंद बर्तनजला देती है…

दुनिया को हर दौर में चाहिए एक जेम्स बांड

जासूस डेस्कऐसा क्या है जेम्स बांड में जिसका नशा कभी उतरता नहीं। ब्रिटिश पत्रकार और उपन्यासकार इयान फ्लेमिंग का यह किरदार ब्रिटेन की खुफिया एजंसी का जासूस है। यह इतना…

दुर्गा बाबू : एक शेरलॉक होम्स हमारा भी

जासूस डेस्कनई दिल्ली। हिंदी साहित्य ही नहीं जासूसी कथा साहित्य में भी दुर्गा प्रसाद खत्री एकमात्र लेखक हैं जिन्होंने अपने मशहूर पिता की विरासत को ही आगे नहीं बढ़ाया बल्कि…

उलझी हुई रोज तलती निराश जलेबी

-सुगंधि कुलसिंह   हाय जलेबी,दिन रात फुटपाथ परबिकती हुई जलेबीहर किसी की तलाश ऐसीगरमा-गरम जलेबी,चारों तरफ उलझी हुईरोज तलती निराश जलेबी,मन की खुशी तन की सुखीऐसी चाशनी जलेबी,तनख़्वाह के दिन…

मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी

-संजीव सागर मुझको मिली है एक सहेली मां जैसी,बूझ  न पाया  मैं  वो  पहेली मां जैसी। हरदम ही  दुनिया से  लड़ती रहती है,मेरी  खातिर  एक  अकेली  मां जैसी। पहली बार…