-अतुल मिश्र

महानगर की गंदगी में नगर निगम की भूमिका विषय को लेकर शोध-कार्य चल रहा था। अपने गाइड के परामर्श पर शोध छात्र मुंह पर रुमाल बांध कर सुव्यवस्थित तौर पर सजाए गए कूड़े के ढेरों पर घूम रहा था। प्रोफेसर भी छात्र के साथ थे और रुमाल की बजाय अंगोछा बांधे हुए थे।

कूड़े के इस ढेर को देखो, मेयर के घर से दूर कितने करीने से लगाया गया है। इसका फोटो लो और लिखो यानी नोट करो कि जब पुरवाई चलती होगी, तो इसकी भीनी-भीनी गंध से मेयर का घर किस कदर महक उठता होगा,  प्रोफेसरनुमा गाइड ने अपने छात्र से ऐसे कहा, जैसे कालिदास स्तर का कोई कवि गंधमादन पर्वत के आसपास का वर्णन अपनी कविता को लंबा खींचने की गरज से कर रहा हो।

सर, महिलाओं की मासिक समस्याओं को समेटे इन लाल-सफेद कपड़ों का भी लगे हाथ जिक्र कर दूं कि कूड़े के ढेर को रंगीन और आकर्षक बनाने के लिए उन्हें बीच-बीच में सजा दिया गया है? छात्र ने अपने गुरु की दिलचस्पी को और दिलचस्प बनाने के लिहाज से पूछा। बिल्कुल, इनके क्लोजअप भी खींच लो, गाइड रूपी गुरू ने शोध करने का मौलिक नजरिया पेश करते हुए कहा।

जी, सर, मैंने खींच लिए हैं, शिष्य ने गुरू को अपनी तत्परता का अहसास कराते हुए बताया।

शाबाश, अब हम नालों से निकाली गई उस कीचड़युक्त गंदगी का अध्ययन करेंगे, जो लोगों के घरों और दुकानों के सामने इस लिहाज से डाल दी जाती है कि अगर इन्हें हटवाना हो, तो सफाई कर्मियों को अलग से रुपए दिए जा सकें, गुरु ने अपनी खोजी और पारखी नजर की तारीफ किए बिना अपने शिष्य को किताबी ज्ञान देते हुए समझाया।

ठीक है सर, क्यों न हम इसकी शुरुआत आपके घर के बाहर पड़ी गंदगी से ही करें? छात्र ने गुरु की भावनाओं को बिना नजरअंदाज किए हुए अपनी राय व्यक्त की।

इसके अलावा एक पूरा चैप्टर तुम्हें मेयर के घर के आसपास की बुरी लग रही साफ-सफाई पर भी लिखना होगा, ताकि सनद रहे और वक्त जरूरत भावी शोधकर्ताओं द्वारा बवाल करने के काम आए, गुरु ने अपनी भड़ास अखबारों की बजाय शोध-प्रबंध में दर्ज कराते हुए कहा।

जैसा आपका आदेश, इतना कह कर शिष्य अपने कैमरे से फोटो खींचने के लिए मेयर के आवास के सामने की बर्दाश्त न होने लायक सफाई का जायजा लेने को निकल लिया।

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