वह दुश्मन देश के लिए कर रहा था जासूसी
नई दिल्ली। जब कोई अपने ही देश के खिलाफ और दुश्मन देश के लिए जासूसी करने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है। यह करतूत है मास्को में…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। जब कोई अपने ही देश के खिलाफ और दुश्मन देश के लिए जासूसी करने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है। यह करतूत है मास्को में…
-अतुल मिश्र ‘शर्ट तुम्हारी, बटन हमारे’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी। फिल्म की पटकथा चूंकि हमने लिखी थी और निर्माता ने उसका पूरा भुगतान नहीं किया था, इसलिए भी…
नई दिल्ली। जासूसी लेखन और अपराध कथाओं के लेखकों को याद करते समय हम दुनिया के पूरब से लेकर पश्चिम तक नजर दौड़ाते हैं, मगर कभी अरब देशों की तरफ…