नई दिल्ली। जासूसी लेखन और अपराध कथाओं के लेखकों को याद करते समय हम दुनिया के पूरब से लेकर पश्चिम तक नजर दौड़ाते हैं, मगर कभी अरब देशों की तरफ नहीं देखते। इस खोजबीन में जो एक नाम सामने आता है, वह है-अहमत उमित। पढ़ने योग्य उनकी कम से कम 12 पुस्तकें हैं। तुर्की में जन्मे उमित ने अस्सी के दशक में मास्को में राजनीति की पढ़ाई की और 1989 में उनकी कविताएं छपीं। इसी क्रम में उन्होंने लेखन की दुनिया में कदम रखा।

अहमत उमित ने जब लिखना शुरू किया, तब इस बात की परवाह नहीं की वह साहित्य की बंधी-बंधाई परिपाटी पर चलें। उन्होंने कॉमिक्स लिखे तो जासूसी उपन्यासों की भी रचना की। यही नहीं उन्होंने परी कथाएं भी लिखीं। उनकी लेखन शैली इतनी साफ-सुथरी थी कि उनकी रचनाओं को चाव से पढ़ा गया।

कई लोकप्रिय उपन्यास लिखे
उमित ने जब उपन्यास लिखना शुरू किया तब हजारों पाठकों की निगाहें उन पर थीं। उनके सबसे लोकप्रिय उपन्यासों में से एक ‘अ मेमेंटो फार इंस्ताबुल’ को बड़ी संख्या में पाठकों ने पढ़ा। इस उपन्यास में एक रोमांचक यात्रा के साथ सात राजाओं, सात प्राचीन स्थलों, सात रहस्यमय घटनाओं के साथ एक वास्तविक कथा है। इसी तरह तीन दोस्तों की कहानियों पर आधारित उमित का उपन्यास ‘बेयोग्यू रैप्सोडी’ को भी काफी पढ़ा गया।

अहमत का एक बेहतरीन उपन्यास है- ‘फेयरवेल, माई ब्यूटीफुल मदरलैंड’। इसमें एक साम्राज्य का पतन और तुर्की गणराज्य की स्थापना की कहानी के बीच मातृभूमि और स्त्री की प्रेम कथा भी है। इस उपन्यास में सेहासुवर के अपने पूर्व प्रिय एस्टर को लिखे गए 45 प्रेम पत्र हैं। इसी तरह उनका जासूसी उपन्यास ‘द ट्राइब’ बेहद दिलचस्प है। इस उपन्यास में भी अहमत उन जगहों पर ले जाते हैं जिन्हें आप दुनिया के नक्शे पर देखते हैं। इस उपन्यासकार ने अपने एक और उपन्यास ‘फॉग एंड नाइट’ से भी पाठकों का ध्यान खींचा। इसमें एक युवती के गायब होने की कहानी है। इसमें गुम युवती को तुर्की खुफिया सेवा का अधिकारी ढूंढ़ रहा है। यह उपन्यास इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि खुफिया संगठन के भीतर साजिशों के अलावा इंस्ताबुल के रंगीन लोगों के बारे में भी बताता है।

अहमत उमित ने रहस्यमय और रोमांच से भरे कई उपन्यास लिखे। इसमें ‘अ वायस डिवाइस  द नाइट’ का जिक्र जरूर किया जाना चाहिए। इसमें एक अंधेरी रात में एक कार कब्रिस्तान की दीवार से टकरा जाती है। इसके बाद जो होता है वह डरावना है। इसी तरह उमत के प्रमुख उपन्यासों में एक है- ‘वेन पेरा ट्रीज विस्पर’। इसमें नए साल की पूर्व संध्या पर एक हत्या होती है। सड़क पर एक लाश मिली है। इसी के साथ एक शर्मनाक तथ्य सामने आता है जो काले रहस्यों को उजागर करता है।

अस्सी के दशक में तुर्की में अपराध कथा और जासूसी उपन्यास रचे जाने लगे। अपराध कहानियां तेजी से लोकप्रिय हो गर्इं। उस दौर में अहमत उमत जैसे लेखकों ने पश्चिम की गद्य शैलियों को अपनाते हुए लिखना शुरू किया। उनका मानना था कि आने वाली पीढ़ी इसे पसंद करेगी। उनका अंदाजा सही निकला। हालांकि तुर्की साहित्य लेखकों ने भी जासूसी लेखन को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वे हकदार थे।

अहमत उमित की संघर्ष गाथा
सात भाई-बहनों में सबसे छोटे उमित के पिता व्यापारी थे और मां एक दर्जी। अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा उन्होंने अपने गृहनगर दक्षिण मध्य तुर्की के गाजियानटेप में पूरी की। बाद में वे आगे की पढ़ाई के लिए उमित इंस्ताबुल गए। मार्मरा विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात विल्डन से हुई। जिससे उमित ने 1981 में शादी कर ली। दोनों की एक बेटी है। उमित बाद में वामपंथी संगठन के सदस्य बन गए। साल 1980 में तख्तापलट के बाद उन्होंने पुलिस अभियान पर रिपोर्ट लिखी। दीवारों पर पोस्टर चिपकाने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। साल 1983 में स्नातक की पढ़ाई के बाद उमित कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए। साल 1985 में उन्हें पार्टी ने छात्रवृत्ति देकर सोवियत संघ भेजा जहां उन्होंने सामाजिक विज्ञान और राजनीति की पढ़ाई की। एक साल बाद उमित स्वदेश लौट आए।

दिल कवि का, दिमाग जासूसी का
मास्को में रहने के दौरान ही उमित ने कविताएं लिखनी शुरू कीं। इसी दौरान अपने दोस्त की विज्ञापन एजंसी में भी काम किया। बाद में उनका रूझान उपन्यास लेखन की ओर हुआ। इसमें भी उनका दिमाग जासूसी की ओर गया। उन्होंने रहस्यमय अपराध कथा लिखने की ठानी और एक से बढ़ कर एक रोमांचक उपन्यास लिखे। अहमत उमित को तुर्की के श्रेष्ठ जासूसी उपन्यासकार के रुप में ही नहीं बल्कि साहित्य के प्रति के प्रति एक संजीदा साहित्यकार के रूप में भी जाना जाता है। रहस्य-रोमांच से भरे उपन्यास पढ़ने वालों को उनके उपन्यास के पन्ने जरूर पलटने चाहिए।

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