नई दिल्ली। जब कोई अपने ही देश के खिलाफ और दुश्मन देश के लिए जासूसी करने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है। यह करतूत है मास्को में भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी की। भारतीय सेना की खुफिया इकाई इस देशद्रोही पर काफी समय पर नजर रखे हुई थी। उसकी सूचना पर आरोपी सितेंद्र सिवाल को उत्तर प्रदेश की एटीएस ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
खबरों के मुताबिक सतेंद्र सिवाल विदेश मंत्रालय में कर्मचारी था और इस समय प्रतिनियुक्ति पर मास्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात था। मास्को भेजे जाने के बाद वह पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आइएसआइ के लिए काम करने लगा था। दुश्मन देश सिवाल को पैसे देकर भारतीय जानकारियां हासिल कर रहा था।
बताया गया कि आरोपी पर पिछले छह महीने से नजर रखी जा रही थी। जब वह छुट्टी पर अपने घर हापुड़ आया तो उसे पकड़ा गया। अब उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। उसके अन्य साथियों का पता किया जा रहा है। उसके मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है।
एटीएस के रडार पर था
सेना खुफिया से जानकारी मिलने के बाद आरोपी सतेंद्र एटीएस के रडार पर था। उस पर लगातार नजर रखी जा रही थी। दरअसल, गोपनीय स्रोतों से जानकारी मिल रही थी पाक खुफिया एजंसी के हैंडलर कुछ लोगों के माध्यम से भारतीय सेना से जुड़ी अहम जाकारियां हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को पैसे का लालच दे रहे हैं। जांच में पाया गया कि सतेंद्र आइएसआइ के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था।
अपना अपराध कबूला
सितेंद्र के खिलाफ धारा 121 ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और गोपनीयता अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। खबरों के मुताबिक सितेंद्र को एटीएस फील्ड यूनिट मेरठ में बुलाया गया था। उससे पूछताछ की गई। सितेंद्र सवालों का ठोस जवाब नहीं दे सका। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। सिवाल ने अब तक कितनी खुफिया जानकारी साझा की है, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
(मीडिया में आई खबरों पर आधारित)