नई दिल्ली। प्रगति मैदान में नौ दिवसीय विश्व पुस्तक मेला शनिवार से लगेगा। दस फरवरी को सुबह 11 बजे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मेले का उद्घाटन करेंगे। यह जानकारी नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने दी। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव भी है, जिसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलेगी। इस बार एक हजार से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं।
फेस्टीवल आॅफ फेस्टीवल्स में अहमदाबाद साहित्य महोत्सव, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार इन सभी के प्रतिनिधियों को विश्व के सबसे बड़े पुस्तक मेले में आमंत्रित किया गया है। वे विश्व पुस्तक मेले के मंच से साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित कर सकते हैं और पुस्तकों का विमोचन भी कर सकते हैं। 40 से ज्यादा देशों के प्रकाशक एवं प्रतिनिधि विश्व पुस्तक मेले में शामिल हो रहे हैं। विश्व की लगभग सभी भाषाओं के प्रतिनिधि यहां पाठकों को मिलेंगे।
विश्व पुस्तक मेले में इस बार बहुत कुछ खास रहेगा। ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की जाएगी। बच्चों के लिए ई-जादुई पिटारा देश को समर्पित किया जाएगा। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट इंडिया द मदर आॅफ डेमोक्रेसी पर विशेष प्रदर्शनी लगाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रकाशन जगत के सीईओ स्पीक का आयोजन 11 फरवरी को होगा। 11 से 12 फरवरी नई दिल्ली राइट्स टेबल का आयोजन होगा। इस बार जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आ रहे हैं, जो विश्व पुस्तक मेले में रौनक बढ़ाएंगे।
प्रगति मैदान के हॉल संख्या एक से पांच में आयोजित इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल एक में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी। हॉल नंबर दो में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे। इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है। हॉल नंबर तीन बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी। बालमंडप में बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की व्यवस्था होगी। हॉल नंबर चार में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां आयोजित होंगी और हॉल पांच थीम मंडप का है।
इस बार की थीम है- बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा, जिसको ध्यान में रखते हुए विश्व पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए हर भाषा की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। थीम पर बात करते हुए नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने बताया, भारत भाषाओं से समृद्ध देश है। अनुसूची 8 में 22 भाषाएं बताई गई हैं, लेकिन यहां भाषाओं-बोलियों की कोई सीमा नहीं है। एक शब्द आपको अलग-अलग भाषाओं में मिलेगा। भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिल जाता है। इसमें साहित्य की अहम भूमिका है। इस बार के विश्व पुस्तक मेले में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा।
मेले के बारे में जानकारी देने के लिए प्रेस वार्ता में सम्मानित अतिथि देश सऊदी अरब की तरफ से द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग महाप्रबंधक डा. अब्दुल्लतीफ अल्वसिल और आईटीपीओ की महाप्रबंधक हेमा मैती भी उपस्थित थीं। डा. अब्दुल्लतिफ अल्वसिल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाठकों को सऊदी अरब के प्रचुर साहित्य के साथ-साथ 16 विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा। इस साहित्यिक उत्सव से भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक धरोहर, भाषा और संस्कृति की समझ को बढ़ावा मिलेगा और भारत व सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।