नई दिल्ली। बसंत का महीना है। मदनोत्सव की धूम है। जिसे देखो वो मोहब्बत में गिरफ्तार हुआ जाता है। मगर यह मोहब्बत एकतरफा है तो यह बेवकूफी है। यह हद से ज्यादा बढ़ जाए तो यह जटिल मनोरोग भी है। एकतरफा प्रेम करना और व्यक्ति पर अधिकार समझना सचमुच भारी मूर्खता है। विशेषज्ञ इसे एक खास मन:स्थिति मानते हैं।
निसंदेह ‘आब्सेसिव लव डिसआर्डर’ एक तरह की मन:स्थिति है जिसमें लोग किसी एक शख़्स पर असामान्य रूप से मुग्ध हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि वो उससे प्यार करते हैं। उन्हें ऐसा लगने लगता है कि उस शख़्स पर सिर्फ उनका हक है और उसे भी बदले में उनसे प्यार करना चाहिए। अगर दूसरा शख़्स उनसे प्यार नहीं करता तो वे इसे स्वीकार नहीं कर पाते, वे दूसरे शख़्स और उसकी भावनाओं पर पूरी तरह काबू पाना चाहते हैं। कई बार इसका संबंध दूसरी मानसिक तकलीफों से भी होता है। इसे समझने की जरूरत है।
‘अटैचमेंट डिसआर्डर’ से लोगों में अपनी भावनाओं और किसी से जुड़ाव को काबू करने में परेशानी होती है। कई बार वे दूसरों से जरूरत से ज्यादा दूर हो जाते हैं और कई बार दूसरों पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होते हैं।
‘आब्सेसिव लव डिसआर्डर’ में मूड में बदलाव के बावजूद वे आपके प्रति अपना स्नेह और समर्थन बनाए रखते हैं। वे अपने संघर्ष साझा करते हैं। जब कोई व्यक्ति अपनी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के बारे में खुल कर बात करता है, तो यह विश्वास और प्यार दर्शाता है। इसका मतलब है कि वे आपको असुरक्षित रहने में भी सहज है।
‘आब्सेसिव लव डिसआर्डर’ के लक्षण किसी के प्रति जबरदस्त और असाधारण आकर्षण, उस शख़्स के बारे में लगातार आने वाले विचार, जिन पर खुद का कोई नियंत्रण न हो, दूसरे शख़्स और उसकी भावनाओं को काबू में करने की इच्छा, उसके रिजेक्शन को स्वीकार न कर पाना, दूसरों से भी उसकी ही बातें करना, उसका जिक्र करने का कोई बहाना ढूंढना, उसकी वजह से बाकी रिश्तों को भूल जाना, उसे बार-बार मैसेज या कॉल करना, उसका पीछा करना, सोशल मीडिया पर उस पर नजह रखना, उसे ब्लैकमेल करना, किसी भी तरह अपना प्रस्ताव मनवाने की कोशिश करना इत्यादि। ये सभी गंभीर लक्षण हैं।
‘इरोटोमेनिया’ से ग्रसित शख़्स को ऐसा भ्रम होता है कि दूसरा शख़्स उससे प्यार करता है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता। इरोटोमेनिया की वजह से भी ‘आब्सेसिव लव डिसआर्डर’ होने का खतरा बढ़ जाता है।
(स्रोत : हील इनिशिएटिव)