भारतीय ज्ञानपीठ हुआ ‘गुलजार’
नई दिल्ली। अपने सदाबहार गीतों से करोड़ों श्रोताओं के दिलों पर बरसों से राज कर रहे गीतकार-कवि और शायर गुलजार को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। अपने सदाबहार गीतों से करोड़ों श्रोताओं के दिलों पर बरसों से राज कर रहे गीतकार-कवि और शायर गुलजार को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।…
नई दिल्ली। बंगाल में जासूसी कहानियां बेहद लोकप्रिय रही हैं। इसका प्रारंभ बकाउल्लाह और प्रियनाथ मुखोपाध्याय ने किया था। जासूसी लेखन का अध्ययन करने पर पता चलता है कि ज्यादातर…
रश्मि वैभव गर्ग रवि और रीना को यूं अचानक आया देख कर, शिवी आश्चर्यचकित हो गई। अरे भैया आप? आज कैसे रास्ता भूल गए? यह भी आते ही होंगे, बहुत…
अतुल मिश्र अंधेरा होने की वजह से रात का वक्त था। पहरेदार की सीटी बता रही थी कि पहरा बहुत सख्त था। श्वान-पुत्र अपनी मौजूदगी जता रहे थे। ‘जागते रहो’…