नई दिल्ली। दुनिया भर में चर्चित उपन्यासकार अगाथा क्रिस्टी ने तो कई पात्र रचे, मगर उनका एक काल्पनिक जासूस कई उपन्यासों में आया। बेल्जियम के इस जासूस का नाम था-हरक्यूल पोयरोट। इस किरदार का व्यक्तित्व बेहद दिलचस्प है। वह छोटे कद का है। स्वभाव से कुछ हद तक अहंकारी है। लहरिया मूंछों वाले पॉयरोट को ऐशो-आराम की जिंदगी जीना पसंद है। सबसे खास बात यह कि उसकी उम्र निकल गई मगर शादी नहीं की। यानी वह उम्रदराज कुंवारा है।
आजाद ख्याल और मनमौजी
अगाथा क्रिस्टी ने अपने इस किरदार को बेहद खूबसूरती से इस तरह रचा कि उसका पूरा व्यक्तित्व आंखों के सामने आ जाता है। हरक्यूल पॉयरोट एक असाधारण जासूस है। वह बेहद ही पेशेवर है। वह अपने काम को अंजाम देते हुए बेहद सावधानी बरतता है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद बेल्जियम में युद्ध और हिंसा से उपजी स्थितियों के बीच अगाथा ने इस पात्र को रचा। यह एक प्राइवेट जासूस था। वह आजाद ख्याल है। उसके पास पैसे की कमी नहीं है। वह अपने तरीके से काम करता है। जिससे दूसरे लोग उससे खुश नहीं रहते। वह कानून का पालन करता है, मगर कभी नहीं भी करता।
हरक्यूल पोयरोट पर आधारित अधिकांश उपन्यास पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के बीच रचे गए। यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि जब जासूस फर्श पर और बिस्तर के नीचे सुराग तलाशते हैं तब पायोरोट भौतिक साक्ष्यों को सामने रखते हुए अपराधी के मनोविज्ञान को भी ध्यान में रखता है। वह अपनी बुद्धिमत्ता में बेजोड़ है। दुनिया भर के पुलिस बलों और राष्ट्र प्रमुखों ने उसे सम्मानित किया। दुनिया के कई देशों में यहां तक कि अजरबैजान से लेकर वियतनाम तक वह चर्चित हुआ। इसकी एक वजह यह भी है कि अगाथा क्रिस्टी ने अपने 33 उपन्यासों में इस चरित्र को उतारा। पॉयरोट उनकी कहानियों में भी नजर आया। निश्चित रूप से इस जासूस में कुछ खास था। वह उपन्यास के पन्नों पर किंबदंती बन गया।
साल 1920 में आया सामने
हरक्यूल पॉयरोट अगाथा के पहले उपन्यास ‘द मिस्टीरियस अफेयर एट स्टाइल्स’ में सामने आया। यह दौर था 1920 का। अगाथा के इस पहले उपन्यास में उसका पूरा व्यक्तित्व दिख जाता है। लेखिका ने उसके बारे में बताया है कि वह मुश्किल से पांच फुट चार इंच का था। उसका सिर एकदम अंडे के आकार का था। वह हमेशा बैठा रहता था। वह खड़ा होता तो उसका सिर एक खास अंदाज में झुकता। धूल का एक कण भी उसके कपड़े पर नहीं होता। यहां तक कि वह अपने बालों की सफेदी भी छुपाता है। वह अपनी लच्छेदार मूंछों से लेकर अपने खास जूते तक का भी ख्याल रखता है। उसके पूरे व्यक्तित्व और आचरण में गरिमा दिखाई देती है।
अव्यवस्था से नाखुश जासूस
दरअसल, हरक्यूल पॉयरोट बेल्जियम का सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी है। उसे अगाथा ने अपने उपन्यासों में एक निजी जासूस के तौर पर उतारा जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया। पॉयरोट शासन, समाज और प्रकृति में किसी असमानता पर वह खुश नहीं रहता। कोई भी अव्यवस्था उसे परेशान करती है। उसका यह सवाल है कि हर मुर्गी एक अलग प्रकार के अंडे क्यों देती है। यहां तक कि पॉयरोट बेढंगे आकार की बनी रोटी खाने से भी इनकार कर देता है।
हर जगह पॉयरोट का जलवा
जासूस हरक्यूल पॉयरोट के मूंछों की चर्चा अक्सर होती है। इसका श्रेय अगाथा को दिया जाना चाहिेए। बात 1965 की है। उस साल एक रहस्य-रोमांच से भरी फिल्म ‘द अल्फाबेट मर्डर्स’ में मूंछों वाले पॉयरोट को किरदार बनाने के लिए अगाथा से अनुमति मांगी गई थी। इस फिल्म में पॉयरोट की भूमिका टोनी रान्डेल ने निभाई थी। इसी तरह रेडियो पर भी पॉयरोट के कारनामों को सुना गया। सबसे खास प्रस्तुतियों में थी-येलो आइरिस। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में हेरोल्ड ह्यूबर ने रेडियो पर साहसिक कारनामों में पॉयरोट की भूमिका निभाई। तो यह था पॉयरोट का जलवा। हालांकि इस किरदार का सबसे अच्छा उपन्यास ‘ओरियंट एक्सप्रेस’ था। यह बात स्वयं अगाथा क्रिस्टी मानती थीं।