संवाद डेस्क
नई दिल्ली। आवाज की दुनिया के बेमिसाल जादूगर अमीन सयानी नहीं रहे। दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया। उनके बेटे के मुताबिक उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अपने खास अंदाज से रेडियो के करोड़ों दर्शकों में करीब पांच दशक तक जादू चलाने वाले अमीन सयानी को बरसों तक नहीं भूल पाएंगे। रेडियो के सुनहरे दौर की आवाज थम गई है।
पचास के दशक से लेकर साल 1994 तक रेडियो पर उनकी सम्मोहक आवाज श्रोताओं को सुनाई देती रही। उनका विशेष कार्यक्रम गीतमाला बेहद मशहूर हुआ। अमीन सयानी ने अपने करिअर की शुरुआत आल इंडिया रेडियो से की। तब कौन जानता था कि वे अपनी मखमली आवाज और अपनी खास प्रस्तुतियों से रेडियो को भी लोकप्रिय कर देंगे। तब क्या युवा और क्या अधेड़ और क्या बुजुर्ग सभी उनके कार्यक्रमों को चाव से सुनते थे। यही वो दौर था जब रेडियो घर-घर सुना जाता था।
अमीन सयानी को रचनात्मकता विरासत में मिली। मां ‘रहबर’ नाम से उर्दू पत्रिका निकालती थीं तो भाई अंग्रेजी का उद्घोषक था। दोनों से अमीन वे बहुत कुछ सीखा। अपनी एक नई भाषा बनाई। आल इंडिया रेडियो से परिचय उनके भाई हामिद ने ही कराया था। वैसे शुरू के दौर में अमीन अंग्रेजी कार्यक्रमों से जुड़े रहे। बाद में वे हिंदी कार्यक्रमों से जुड़े। अमीन सयानी ने रेडियो को साहित्यिक भाषा से बाहर निकाल कर बोलचाल की भाषा दी। इसमें उनकी पृष्ठभूमि काम आई।
अमीन सयानी को रेडियो शो ‘गीतमाला’ से पहचान मिली। साल 1952 में शुरू हुआ यह कार्यक्रम देखते ही देखते चर्चित हो गया। इसी के साथ लोकप्रिय हो गए अमीन सयानी। ‘गीतमाला’ को उन्होंने 1952 लेकर 1994 तक पेश किया। वैसे पुराने लोगों को याद होगा कि उनका यह कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ पहले रेडियो सिलोन पर आता था। तीस मिनट के इस कार्यक्रम के इंतजार में संगीत प्रेमियों की सांसें अटकी रहती थीं। रेडियो की सुई एक खास बिंदु पर रखने के बाद लोग इस कार्यक्रम को सुन पाते थे।
‘बिनाका माला’ का नाम बाद में सिबाका माला भी रखा गया। इसके बाद इसे ‘हिट परेड’ के नाम से भी सुना गया। यह कार्यक्रम 42 साल तक चला। साल 2000 के बाद इसे मूल नाम से दोबारा शुरू किया गया। अमीन सयानी ने इतने कार्यक्रमों में आवाज दी कि आप गिनती करते थक जाएं। मगर उनकी आवाज कभी नहीं थकी। वे हमेशा कानों में गूंजते रहेंगे-
‘भाइयों और बहनों में आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं।’