दिल्ली। कोई भी देश अपनी सरहदों की सुरक्षा में अपनी पूरी ताकत लगा देता है। सीमा पर फौज और आधुनिक हथियार ही नहीं तैनात नहीं किए जाते, रक्षा तंत्र को चाक-चौबंद करने के अलावा संचार नेटवर्क को भी मजबूत किया जाता है। वहीं खुफिया तंत्र को भी चुस्त बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसों की तैनाती कोई नई बात नहीं है। सभी देश ऐसा करते हैं। कुछ बड़े देश तो कई सालों से अंतरिक्ष से कई देशों की निगरानी कर रहे हैं। वे टोही विमानों से जासूसी करने में भी पीछे नहीं। अब इस क्षेत्र में भारत ने भी कदम बढ़ाया है।
भारत भी दुश्मन देशों के संचार तंत्र पर तो नजर रखता है, वहीं अब लंबी दूरी के निगरानी अभियानों को अंजाम देने के लिए तीन नए जासूसी विमान विकसित करने की भी योजना बना रहा है। यह देश में ही बनेगा। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन विमानों के सभी जरूरी उपकरण स्वदेश में ही बनेंगे। खबरों के मुताबिक इस योजना के प्रस्ताव पर जल्दी ही सरकार से मंजूरी मिलने की योजना बनाई जा रही है। दरअसल, इस तरह के आधुनिक जासूसी विमान की काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही है। कहा जा रहा है कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद विमान निर्माताओं को निविदा जारी की जाएगी।
तीन नए जासूसी विमान तैयार होने से भारत की रक्षा क्षमता तो बढ़ेगी ही, दुश्मन देशों की अवांछित गतिविधियों पर पैनी निगाह रखने में भी मदद मिलेगी। ये उन्नत विमान सिग्नल इंटेलिजेंस और संचार जैमिंग सिस्टम से लैस होंगे। रक्षा मंत्रलाय के मुताबिक इस तरह के विमान की आवश्यकता है। यह भी बताया गया कि सेंटर फार एअरबार्न स्टडीज इस पहल की देखरेख कर रहा है।
भारत जासूसी विमानों पर पिछले डेढ़-दो दशक से काम कर रहा है। इस परियोजना पर वैश्विक निर्माताओं के साथ चर्चा हुई। इसके लिए 2009 में एम्ब्रेयर और इजराइल एअरोस्पेस इंडस्ट्री पर विचार हुआ। मगर किन्हीं कारणों से यह योजना ठंडे बस्ते में पड़ी रही। मगर इसके तीन साल बाद वायुसेना ने इन विमानों के लिए आग्रह किया। इसके बाद सात जासूसी विमानों के अधिग्रहण के लिए नया अनुरोध प्रस्ताव जारी किया गया। मगर इस पर कोई पहल नहीं हुई।
बताया जा रहा है कि रक्षा बजट के एलान के बाद नए जासूसी विमानों पर प्रस्ताव फिर से तैयार किया गया। इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। बढ़े हुए बजट से सेना को और आधुनिक तथा मजबूत बनाने में मदद मिलने की संभावना है।
(यह समाचार मीडिया में आई खबरों पर आधारित)