नई दिल्ली। इस दुनिया में कई तेज-तर्रार जासूस हुए। जिनके कारनामे आज भी चौंकाते हैं। मगर एक ऐसा जासूस जो पेशेवर नहीं था, मगर उसने कमाल की जासूसी की। इस जासूस का नाम है- सी अगॉस्टे डूपिन। उसकी जासूसी की कथा सबसे पहले अमेरिका की ग्राहम्स मैगजीन में छपी। बता दें कि यह दुनिया की पहली जासूसी कथा मानी जाती है। डूपिन की जासूसी कथा लिखी थी अमेरिकी लेखक एलन पू ने। यह भी कम बड़ी बात नही है कि उन्हें जासूसी कथाओं का जनक माना जाता है। डूपिन की कहानी 1841 में 20 अप्रैल को छपी थी।

अफसोस की बात है कि डूपिन और उसके रचयिता एलन पू को कोई याद नहीं करता। एलन के इस काल्पनिक जासूस पर चर्चित उपन्यासकार सर आर्थर कानन डायल ही नहीं, अगाथा क्रिस्टी भी फिदा थीं। लोग यहां तक कहते थे हरक्यूल पॉयोरोट और शर्लक होम्स में डूपिन का अंदाज दोखा और समझा जा सकता है। यह भी सच है कि ये तीनों जासूसी पात्र ऐसे हैं कि वे काल्पनिक होते हुए भी सच लगते हैं। प्रतीत होता था कि न जाने किस मोड़ पर या किस चौराहे पर या किस ट्रेन और बस में मुलाकात हो जाए।

दुनिया की पहली जासूसी कहानी
हर जासूस के जीवन में तब ज्यादा रोमांच आता है जब वह कोई जटिल गुत्थी सुलझा रहा होता है। जब लेखक एलन पू ने ‘मर्डर्स इन द र्यू मार्ग’ शीर्षक से आज से पौने दो सौ साल पहले कहानी लिखी थी। तब किसने सोचा था कि वे दुनिया की पहली कहानी रच रहे हैं। अमेरिकी पत्रिका में छपी इस जासूसी कथा को लाखों पाठकों ने पढ़ा। इस कहानी ने धूम मचा दी। डूपिन के कारनामों ने जहां चौंकाया, वहीं उसने हत्या की एक ऐसी गुत्थी सुलझाई जो अकल्पनीय थी।

क्या थी वह कहानी
एक काल्पनिक शहर है। लेखक ने उसका नाम रखा है-र्यू मार्ग। यह पेरिस में है। वहां एक चार मंजिला इमारत है। उसकी ऊपरी मंजिल पर दो महिलाओं की लाश मिली है। इन दोनों लाशों की शिनाख्त नही हो पा रही है। न ही यह पता चल रहा है कि इनकी हत्या किसने की है। सबसे मुश्किल है कि इस मामले में एक बेकसूर फंस गया है और उसे फांसी देने की सजा तय हो गई है। डूपिन उसे बचाने के लिए जासूसी करता है। वह हत्या की तह में जाता है। उसे इस क्रम में पता चलता है कि इस इमारत के भीतर दोनों महिलाओं की हत्या उस बेकसूर ने नहीं बल्कि एक वनमानुष ने की है। एलन पू की कहानी का यही निचोड़ है।  

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