कई श्रेणी के जासूस थे ढाई हजार साल पहले
अतुल मिश्र ‘निहायत गुप्त रूप से राजनीतिक या अन्य प्रकार की सूचना शासन को देने वाले व्यक्ति को गुप्तचर या जासूस कहते हैं। इनके कार्य को गुप्तचर्या या गुप्तचरी कहते…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
अतुल मिश्र ‘निहायत गुप्त रूप से राजनीतिक या अन्य प्रकार की सूचना शासन को देने वाले व्यक्ति को गुप्तचर या जासूस कहते हैं। इनके कार्य को गुप्तचर्या या गुप्तचरी कहते…
अनुभूति गुप्ता 1. बाजारवाद के दौर मेंखोजता है वहचिड़िया के नीड़ भर नभभले ही खाली हो जेबमगर रिश्तों से भरा हो सबजहां वो स्वतंत्रता से रचा बसा होहर भोर खिलखिला…