जीवन लिख जाना तुम…
-रश्मि वैभव गर्ग सुनो नारी...तुम हरसिंगार सी सुकोमल,पर इस कोमलता मेंअपने संस्कारों की सुगंधन भूल जाना तुम।रचा है तुमने सृष्टि कोअपने उदर में नौ महीनों तक,पर इसकी लक्ष्मण रेखा कोयूं…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
-रश्मि वैभव गर्ग सुनो नारी...तुम हरसिंगार सी सुकोमल,पर इस कोमलता मेंअपने संस्कारों की सुगंधन भूल जाना तुम।रचा है तुमने सृष्टि कोअपने उदर में नौ महीनों तक,पर इसकी लक्ष्मण रेखा कोयूं…
सचमुच यह बड़ा सवाल है। यह सवाल समाज के संवेदनशील लोगों को खटकना चाहिए। उन पढ़ी-लिखी स्त्रियों को भी खुद से सवाल करना चाहिए कि वे डरती क्यों हैं। बाल्यकाल…
नई दिल्ली। हैरी पॉटर को लेकर पिछले दिनों चौंका देने वाली एक खबर आई। खबर ये है कि किताबों की कोई तीस साल पुरानी एक दुकान से सिर्फ चंद रुपए…
संवाददातानई दिल्ली। सावित्री बाई फुले की स्मृति में 25 महिलाओं को भारतीय महिला शक्ति सम्मान दिया जाएगा। सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन पुणे, अंग जन गण और मेरा गांव मेरा देश…
संजय स्वतंत्र राजनीति निर्मम होती है। आज जो साथ है, कल वह रहेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता। राजनीति भाई-भाई में, भाई-बहन में या चाचा भतीजे में, पति-पत्नी में…