साहित्य अकादेमी के 70 साल, आज से जश्न
नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी अपनी स्थापना के सत्तर बरस पूरे कर रही है। भारतीय साहित्य के लिए यह गौरव का क्षण है। इसे ध्यान में रखते हुए अकादेमी 70 साल…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी अपनी स्थापना के सत्तर बरस पूरे कर रही है। भारतीय साहित्य के लिए यह गौरव का क्षण है। इसे ध्यान में रखते हुए अकादेमी 70 साल…
अतुल मिश्र अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए यह निहायत जरूरी है कि इतना अर्थ यानी पैसा तो आदमी के पास हो ही कि वह उसे व्यवस्थित कर सके। जब…
नई दिल्ली। दुनिया में ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जब पति-पत्नी दोनों ही जासूसी का हिस्सा रहे हों। इस संदर्भ में अमेरिका के जूलियस और एथेल रोसेनबर्ग का नाम लिया…