नई दिल्ली। दुनिया में ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जब पति-पत्नी दोनों ही जासूसी का हिस्सा रहे हों। इस संदर्भ में अमेरिका के जूलियस और एथेल रोसेनबर्ग का नाम लिया जा सकता है। इन दोनों ने एक ऐसे काम को अंजाम दिया जिसके लिए इस अमेरिकी दंपति को मौत की सजा सुनाई गई। जूलियस और एथेल ने ऐसा क्या किया था जिसके लिए उन्हें इतना बड़ा दंड दिया गया। दोनों अमेरिका में पैदा हुए और पले बढ़े। ये दोनों ही 1936 में यंग कम्युनिस्ट लीग में मिले। मित्रता हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली।

यह दंपति वामपंथी विचारधारा से बेहद प्रभावित था। एक समय के बाद जूलियस केजीबी में नियुक्त हो गया। उसकी गिनती शीर्ष जासूसी होने लगी। इस दौरान जूलियस ने अमेरिका के कुछ बेहद ही गोपनीय दस्तावेज सोवियत संघ पहुंचाए। जूलियस और एथेल पर बाद में यह गंभीर आरोप लगा कि इन्होंने परमाणु बम से संबंधित गुप्त जानकारियां चुरा कर सोवियत संघ को दी। बताते हैं कि इसमें परमाणु फ्यूज का डिजाइन भी शामिल था। सोवियत संघ ने इसी को 1960 में अपने यू-2 परमाणु में इसका इस्तेमाल किया।  

अमेरिका के खिलाफ लगातार जासूसी कर रहे जूलियस ने अमेरिकी नेशनल एडवाइजरी कमेटी से वायुसेना से जुड़े अनगिनत दस्तावेज केजीबी तक पहुंचाए। यही नहीं लॉकहीड के पी-80 फाइटर प्लेन के डिजाइन भी सोवियत संघ को सौंपे। जूलियस ने एक और बड़ा काम किया। उसने रूसी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी केजीबी से जोड़ा। परमाणु संबंधी गोपनीय जानकारियां हासिल करने के लिए अपने साले डेविड की मदद ली। उसकी सहायता से जूलियस ने अमेरिकी परमाणु विकास केंद्र की जानकारियां केजीबी तक पहुंचाई। मगर इसकी भनक अमेरिकी सरकार को लग गई। जूलियस को आखिरकार 1951 में गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ उसकी पत्नी एथेल को भी हिरासत में ले लिया गया। दरअसल, उस पर आरोप था कि जूलियस की जुटाई गई जानकारियों को वही टाइप करती थी।  

एथेल को बचाने के लिए उसके भाई डेविड ने भरसक कोशिश की। मगर वह नाकाम रहा क्योंकि एथेल पर गंभीर आरोप था क्योंकि वह जासूसी के काम में वह पति का सहयोग कर रही थी। उसकी टाइप की गई सामग्री ही जूलियस ने केजीबी तक पहुंचाई थी। कोई दो साल तक मुकदमा चला। और अंत में इस दंपति को मौत की सजा सुनाई गई। जूलियस और एथेल दोनों को 1953 में इलेक्ट्रिक कुर्सी पर मौत की नींद सुला दिया गया। इस दंपति के कारण दुनिया के दो ताकतवर देशों में लंबे समय तक तनातनी बनी रही। जो भी हो जालियस रोसेनबर्ग को आज भी केजीबी के बड़े जासूसों में गिना जाता है।  

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *