अतुल मिश्र
टीवी न्यूज चैनल पर एक रिपोर्टर चीख-चीख कर लोगों को बता रहा था-‘चैन से सोना है, तो जाग जाओ!!’
लोगों ने जाग-जाग कर ‘झनझनी’ का यह प्रोग्राम देखा और रिपोर्टर तो सोने चला गया, मगर लोगों की नींदें हराम कर गया। एक पति-पत्नी आपस में बातें कर रहे थे-दाढ़ी वाला यह रिपोर्टर कितना चीख-चीख कर बोल रहा था कि जाग जाओ। पत्नी ने बात की शुरुआत करते हुए कहा।
‘इसी बात की तो तनख्वाह मिलती है बेचारे को।’ पत्नी के ज्ञान में इजाफा करने से पति ने उसे समझाया।
‘बोलने वाले की शक्ल देख कर मुझे तो इतना डर लगने लगा है कि पानी लेने किचन तक नहीं जा सकती।’ बहाने बना कर पति से काम करवाने वाली पतिव्रता पत्नी ने डरते हुए कहा।
‘डरने की क्या बात है? पानी मैं लाकर दे दूंगा।’ पत्नी के सामने पति ने ऐसे कहा, जैसे उसे चांद-तारे तोड़ कर लाने के लिए कहा गया हो और वह उसके लिए पूरी तौर पर तैयार हो।
‘अपना, मेरा और मुन्ना का दूध भी बना कर लेते आना। मुझे तो डर लग रहा है कि दाढ़ी वाला यह आदमी कहीं किचन में आकर अचानक न चीख पड़े कि चैन से सोना है, तो अब जाग जाओ।’ पत्नी ने अपने डर का फायदा उठाते हुए कहा।
‘बेवकूफ हो तुम। टीवी से निकल कर बाहर आते हुए कभी किसी के बारे में सुना है तुमने?’ पति ने अपनी निर्भीकता को सत्यापित करने के लिहाज से पूछा।
‘फिर भी मुझे डर लग रहा है।’ पत्नी ने अपने डरने का वाल्यूम बढ़ाते हुए कहा।
‘दूसरों को चैन से सोने के लिए जागने की बेतुकी राय देने वाले इस रिपोर्टर को अगले जन्म में पहरेदार बनना पड़ेगा, तुम देख लेना।’ किचन में दूध उबाल रहे पति ने झल्लाते हुए कहा।
‘जल्दी आओ, मुन्ना को सुलाना भी तो है, ताकि हम चैन से सोने के लिए रात-भर जाग सकें।’ पत्नी ने जम्हाई लेते हुए अपने पति की ओर गैर हसरत भरी निगाहों से देखा और टीवी का स्विच आॅफ करके दाढ़ी वाले रिपोर्टर का मन ही मन शुक्रिया अदा करते हुए पुन: बिस्तर पर पसर गई।