सिनेमा में थोड़ा-थोड़ा इतिहास भी : गुलजार
साहित्य संवाददातानई दिल्ली। राजधानी में साहित्य उत्सव की धूम है। कोई 32 सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक हिस्सा ले रहे हैं। लेखक सम्मिलन में पुरस्कृत रचनाकारों…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
साहित्य संवाददातानई दिल्ली। राजधानी में साहित्य उत्सव की धूम है। कोई 32 सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक हिस्सा ले रहे हैं। लेखक सम्मिलन में पुरस्कृत रचनाकारों…
नई दिल्ली। किस्सागोई प्रियंका ओम सिद्धहस्त हैं। वे अपनी सृजना में स्त्रियों का वजूद बारीकी से टटोलती हैं। दो कहानी संग्रह ‘वो अजीब लड़की’ और ‘मुझे तुम्हारे जाने से नफरत…
नई दिल्ली। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब दुनिया के कई ताकतवर देश एक दूसरे से लड़ रहे थे, तब सोवियत संघ भी इसमें पीछे नहीं था। वह एक छोटे मगर…