साहित्य संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी में साहित्य उत्सव की धूम है। कोई 32 सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक हिस्सा ले रहे हैं। लेखक सम्मिलन में पुरस्कृत रचनाकारों ने अपनी सृजन प्रक्रिया के अनुभव साझा किए। ये भावपूर्ण थे। उन्होंने बताया कि वह कौन सी वजह थी जिसके कारण वे लेखक बने।

संवत्सर व्याख्यान में मशहूर गीतकार और शायर गुलजार ने कहा कि सिनेमा थोड़ा-थोड़ा इतिहास होता है। मैं इतिहास की परिभाषा समय समय पर बदलते जाने में विश्वास रखता हूं। गुलजार ने सिनेमा की व्यापक पहचान और साहित्य से उसके गहरे नाते के कई उदाहरण दिए।

मीर तकी मीर की त्रिजन्मश्तवार्षिकी के पहले दिन मुख्य अतिथि थे हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सैयद एहतेशाम हसनैन। उस मौके पर गुलजार के अलावा जामिया के पूर्व कुलपति सैयद शाहीद मेहदी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने की।  

साहित्य अकादेमी के 70 साल के जश्न के बीच अकादेमी ने चार लेखकों को महत्तर सदस्यता प्रदान करने की घोषणा की। इन नामों की संस्तुति अकादेमी के अध्यक्ष मादव कौशिाक की अध्यक्षता में बनी सामान्य परिषद ने की थी। महत्तर सदस्यता पाने वाले विद्वानों में डोगरी से वेद राही, पंजाबी से अमरजीत कौर, कन्नड़ से चंद्रश्ेखर कंबार और कश्मीरी से प्राण किशोर कौल शामिल हैं। अकादेमी के नियम के मुताबिक उत्कृष्ट योग्यता वाले साहित्यकारों को ही महत्तर सदस्यता के लिए चुना जाता है।   

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *