‘कही अनकही’ में पाठकों के मन को कुरेदा
लेखक अपने सामाजिक परिवेश से बेहद गहराई से जुड़ा होता है। उसे जो दिखता है, वह लिखता है। स्वतंत्र लेखिका संगीता सहाय समाज के प्रति संवेदनशील हैं। उनकी आकुलता उनके…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
लेखक अपने सामाजिक परिवेश से बेहद गहराई से जुड़ा होता है। उसे जो दिखता है, वह लिखता है। स्वतंत्र लेखिका संगीता सहाय समाज के प्रति संवेदनशील हैं। उनकी आकुलता उनके…
-अनुभूति गुप्ता मासूम चिड़िया कोनोचना चाहती है चील,क्योंकि उसके लिएइतना आसान शिकार नहीं। वो जानती है-चिड़िया की उड़ान का विज्ञानइसलिए नोचना प्रवृत्ति काअहम हिस्सा है चील का। टुकड़ों में मुंह…
संजय स्वतंत्रकुछ साल पहले मैंने सोफिया नाम की स्त्री रोबोट और एक टीवी चैनल के पत्रकार आकाश के संबंध पर कहानी लिखी थी। यह कई जगह छपी और तो कुछ…