नई दिल्ली। जासूसी की दुनिया भी विचित्र होती है। जासूस राष्ट्रभक्ति में कुछ भी कर गुजरते हैं। देश के लिए वे जान तक न्योछावर कर देते हैं। कुछ जासूसों ने तो अपने कारनामों से न केवल अपने देश बल्कि प्रतिद्वंद्वी देश के नागरिकों को भी झकझोर कर रख दिया। कुछ ऐसी ही कहानी है चीन के युवा जासूस शी पेई पू की जिसने गोपनीय दस्तावेज चुराने के लिए फ्रांसीसी दूतावास के कर्मचारियों खासकर एक कर्मी बर्नार्ड को बरसों तक चकमा देता रहा।
आखिर शी ने ऐसा क्या किया था कि उसका राज खुलने पर सभी सन्न रह गए। यह कहानी है एक ऐसे जासूस की जिसने महिला बन कर अपने प्रेमी को 18 बरस तक धोखा दिया। उससे शादी की। इस रिश्ते से उसने बेटा होने की बात बताई और लंबे समय तक वह पत्नी बन कर फ्रांसीसी दूत बर्नार्ड बरसीकॉट को धोखा देता रहा। यह अजीब कहानी साल 1964 की है जब बर्नार्ड चीन स्थित फ्रांसीसी दूतावास में नियुक्त हुआ था। वह अकेला था। चीन की कड़ी पाबंदियों के कारण वह स्थानीय लोगों से मिलता-जुलता नहीं था। बर्नार्ड अविवाहित था लिहाजा उसे एक साथी की जरूरत महसूस होती थी।
एक दिन दूतावास के बड़े अधिकारी ने अपने घर में एक दावत रखी। इसमें बर्नार्ड को भी शामिल होने का न्योता मिला। वहां एक चीनी युवक भी आया हुआ था। वह बेहद आकर्षक था। कुछ देर की बातचीत के बाद वह बर्नार्ड का दोस्त बन गया। मित्रता बढ़ने के साथ शी पेई पू बर्नार्ड के घर आने जाने लगा। उसने बताया कि वह फ्रांस के अधिकारियों और नागरिकों को चीनी भाषा सिखाता है। उसने यह भी बताया कि वह ओपेरा गायक है। बर्नार्ड को ओपेरा बहुत पसंद था। धीरे-धीरे यह चीनी युवक उसका खास दोस्त बन गया। इस बीच वह उससे मिलने कई दिनों तक नहीं आया। इससे बर्नार्ड को चिंता हुई और वह शी से मिलने उसके घर जा पहुंचा।
बर्नार्ड को पता चला कि शी अपनी बूढ़ी मां के साथ रहता है। वहां उसने एक ऐसी कहानी सुनाई कि बर्नार्ड ने आंखमूंद कर विश्वास कर लिया। शी ने बताया कि दरअसल वह लड़की है। क्योंकि उसकी दादी नहीं चाहती थी कि घर में बेटी पैदा हो। इसी कारण पिता ने उसे बेटे की तरह पाला। किसी को पता तक चलने नहीं दिया। यह सब सुन कर पहले से आकर्षित बर्नार्ड को उससे प्रेम हो गया। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हालांकि इस शादी के बारे में दोनों किसी को बता नहीं सकते थे। इसलिए किसी को पता भी नहीं चला।
कुछ महीने बाद खुुद को शी पेई बताने वाली इस कथित युवती ने कहा कि वह मां बनने वाली है। इस बीच बर्नार्ड का तबादला मंगोलिया हो गया। फिर भी पत्नी और बेटे से मिलने की आस लगाए बर्नार्ड कुछ दिन के लिए चीन आया तो शी ने बताया कि कार्रवाई के डर से वह बच्चे को छुपा कर पाल रही है। ऐसा न करने पर मुश्किल होगी।
इस पूरे खेल में शी अपने कथित बेटे की तस्वीर ही बर्नार्ड को दिखाती रही। कभी मिलवाया नहीं। फिर बेटे की चाह में उसने एक बार फिर बीजिंग में किसी तरह नियुक्ति हासिल की। इस तरह बर्नार्ड और शी कोई 18 साल तक पति-पत्नी बन कर रहे। मगर शी ने कभी आभास नहीं होने दिया कि वह युवक है और एक जासूस भी। कुछ साल बाद बर्नार्ड का तबादला पेरिस हो गया। यहां काम करते हुए उसने शी का साथ नहीं छोड़ा और उसका ख्याल रखता रहा। किसी तरह बर्नार्ड ने शी को अपने पास बुला लिया और उसके साथ रहने लगा। मगर एक दिन यह राज खुल गया।
चिकित्सा जांच में साबित हुआ कि शी एक पुरुष है। यह भी सिद्ध हुआ कि उसने फ्रांस के कई गोपनीय दस्तावेज चीन तक पहुंचाए। बर्नार्ड को सजा हुई। उधर, शी सजा काटने के बाद फिर से ओपेरा गायक बन गया। इस पूरी दिलचस्प कहानी पर साल 1993 में ‘एम बटरफ्लाई’ नाम से फिल्म बनी जो खासी चर्चित रही।