नई दिल्ली। हमारा हृदय हमारे शरीर के सबसे महत्त्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह हमारे परिसंचरण प्रणाली का हिस्सा है और धड़कते हुए शरीर के चारों ओर रक्त का प्रवाह करता है। रक्त शरीर में आॅक्सीजन और पोषक तत्व भेजता है और अवांछित कार्बन डाइआॅक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। आजकल दिल इस कारण से दबाव में तो रहता ही है, वहीं बदलती जीवन शैली ने उस पर और दबाव बढ़ा दिया है। अब जरूरत इस बात की है कि हम दिल की गिरह को भी खोलना शुरू करें।
दिल का दौरा
दिल के दौरे के लक्षणों में व्यायाम के साथ थकान शामिल है। सांस रोकने में तकलीफ, रक्त जमना और फेफड़ों में द्रव जमा होना तथा पैरों, टखनों और टांगों में द्रव जमा होना। हृदय रोगों का सबसे प्रमुख कारण है- धूम्रपान करना, परिवार में किसी को इस बीमारी का होना, बहुत ज्यादा मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप, सुस्त जीवनशैली, दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम न करना, बहुत ज्यादा तनाव लेना और फास्ट फूड का सेवन इत्यादि।
दिल के रोगों की जांच
ईसीजी टेस्ट आपके दिल की विद्युत गतिविधि को मापता है। हर बार जब आपका दिल धड़कता है, तो यह छोटे विद्युत आवेग पैदा करता है। एक ईसीजी मशीन इन संकेतों को कागज पर रिकार्ड करती है, जो आपके डाक्टर को यह देखने में मदद करती है कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है।
हार्ट रेट नियमित होना
आमतौर पर प्रति मिनट हार्ट रेट 60 और 100 बीट होती है। अगर आपके दिल की धड़कन तेज या धीमी है इसके बारे में आसानी से जान सकते हैं। अगर आपकी हार्ट रेट नियमित है तो आपका दिल स्वस्थ है, अगर यह नियंत्रण में नहीं है तो यह खतरे की घंटी है।
घर में स्वयं करें जांच
बैठ कर उठने का टेस्ट-हार्ट की फिटनेस जानने का ये बड़ा सामान्य टेस्ट है। आप सीधी जमीन पर खड़े हो जाएं और फिर जमीन पर पालथी मारकर बैठे जाएं। अगर आप बिना किसी मदद के खड़े हो पा रहे हैं तो आपका हार्ट फिट है। ऐसे लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा 21 फीसद तक कम होता है।
दिल की सुनिए
हृदय की नसें ब्लॉक होने पर सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे आपकी ब्रेन तक जाने वाली नसें जाम हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में भी कमी आ सकती है। ऑक्सीजन के अभाव में मस्तिष्क की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचता है। इसमें आपको हमेशा थकान व कमजोरी महसूस होती है और सिर दर्द होता रहता है। दिल को बचाने के लिए जरूरी है कि आप दिल की गिरह खोलें। घर में सबसे संवाद करें। परिजनों और मित्रों से अपना दुख-सुख बांटे। संतुलित भोजन लें। सुबह-शाम टहलें। तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करें। घर-दफ्तर में काम का बोझ हो तो काम को बांटने से संकोच न करें। (स्रोत : हील मीडिया)