जीवन लिख जाना तुम…

-रश्मि वैभव गर्ग सुनो नारी...तुम हरसिंगार सी सुकोमल,पर इस कोमलता मेंअपने संस्कारों की सुगंधन भूल जाना तुम।रचा  है तुमने सृष्टि कोअपने उदर में नौ महीनों तक,पर इसकी लक्ष्मण रेखा कोयूं…

स्त्री क्यों डरती है, आज भी बड़ा सवाल

सचमुच यह बड़ा सवाल है। यह सवाल समाज के संवेदनशील लोगों को खटकना चाहिए। उन पढ़ी-लिखी स्त्रियों को भी खुद से सवाल करना चाहिए कि वे डरती क्यों हैं। बाल्यकाल…

हैरी पॉटर की प्रूफ कॉपी 11 हजार पाउंड में

नई दिल्ली। हैरी पॉटर को लेकर पिछले दिनों चौंका देने वाली एक खबर आई। खबर ये है कि किताबों की कोई तीस साल पुरानी एक दुकान से सिर्फ चंद रुपए…

सावित्री बाई फुले की स्मृति में 25 महिलाओं को सम्मान  

संवाददातानई दिल्ली। सावित्री बाई फुले की स्मृति में 25 महिलाओं को भारतीय महिला शक्ति सम्मान दिया जाएगा। सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन पुणे, अंग जन गण और मेरा गांव मेरा देश…

महज जासूसी कथा भर नहीं है नक्काश

संजय स्वतंत्र राजनीति निर्मम होती है। आज जो साथ है, कल वह रहेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता। राजनीति भाई-भाई में, भाई-बहन में  या चाचा भतीजे में, पति-पत्नी में…

कई श्रेणी के जासूस थे ढाई हजार साल पहले

अतुल मिश्र ‘निहायत गुप्त रूप से राजनीतिक या अन्य प्रकार की सूचना शासन को देने वाले व्यक्ति को गुप्तचर या जासूस कहते हैं। इनके कार्य को गुप्तचर्या या गुप्तचरी कहते…

पचपन पार का पुरुष

अनुभूति गुप्ता 1. बाजारवाद के दौर मेंखोजता है वहचिड़िया के नीड़ भर नभभले ही खाली हो जेबमगर रिश्तों से भरा हो सबजहां वो स्वतंत्रता से रचा बसा होहर भोर खिलखिला…

मैं फरवरी की धूप होना  चाहती हूं

-रागिनी राजीव श्रीवास्तव फरवरी गुजरी स्मृतियों का माह है।पुरानी चिट्ठियां, दोस्त, रिश्ते, जगहेंऔर सड़कें सब कुछ याद आते हैं।मन के तहखानों में...सूरज की हल्की मगर मजबूत धूपसुधियों के वातायन सेछन…

क्या असल में भी था कोई जेम्स बांड

नई दिल्ली। जब कोई लेखक किसी पात्र को रचता है तो उसके पीछे महज कल्पना ही नहीं होती कुछ यथार्थ भी होता है। लेखक इयान फ्लेमिंग ने जिस लोकप्रिय जासूस…