मलयाली लेखक ने क्यों दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। ऐसा क्या हुआ था कि मलयालम लेखक सी राधाकृष्णन ने साहित्य अकादेमी कीसदस्यता छोड़ दी। दरअसल, यह कदम उन्होंने इस साल अकादेमी महोत्सव का उद्घाटन एक केंद्रीय मंत्री…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। ऐसा क्या हुआ था कि मलयालम लेखक सी राधाकृष्णन ने साहित्य अकादेमी कीसदस्यता छोड़ दी। दरअसल, यह कदम उन्होंने इस साल अकादेमी महोत्सव का उद्घाटन एक केंद्रीय मंत्री…
-डॉ. परमजीत ओबराय तुम पथिक बन चले गए,मैं खड़ी इंतजार करती रही।तुम पाषाण बन स्थिर रहे,मैं नदी बन चलती रही। तुम झील से ठहरे रहे,मैं अनिल बन बहती रही।तुम रवि…
नई दिल्ली। अमूमन ऐसा होता नहीं। परिवार, संगठन, समाज और देश के बीच कोई न कोई गद्दार जरूर छिपा होता है। एक ऐसा ही गद्दार था सीआईए का एक एजंट…