नई दिल्ली। चीन सीमा पर और आसपास समुद्र तथा आसमान से अपने प्रतिद्वंद्वी देशों की तो जासूसी करता ही है, अब उसने कुछ देशें के चुनावों पर कुदृष्टि डाली है। उसने इस काम में अपने हैकर लगा दिए हैं। इसकी पोल-पट्टी दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने खोली है। उसने दावा किया है कि चीन के हैकर भारत सहित कई देशों में होने वाले चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। अंदेशा है कि ये हैकर डीपफेक और एआई के माध्यम से नेताओं के ऑडियो-वीडियो कंटेट बना सकते हैं। इससे भ्रम फैला कर चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं।
माइक्रोसाफ्ट ने एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया है कि चीन कुछ देशों में चुनावों को कृत्रिम मेधा (एआई टूल्स) से प्रभावित करना चाहता है। इस साल अमेरिका और भारत सहित कई देशों में चुनाव होने हैं। चीन की मंशा संबंधित देशों के मतदाताओं को प्रभावित करने की है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक चीन पहले भी ऐसा कर चुका है।
दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी ने इस बात पर चिंता जताई है कि एआई टूल्स बेहद खतरनाक हैं। यह साबित हो गया है कि हैकर अपने स्वार्थ साधने के लिए इसका बेजा इस्तेमाल करते हैं। एआई से संपादित वीडियो और डीपफेक बनाना आसान है। हैकर डमी अकाउंट भी बना लेते हैं। वहीं कई चर्चित नेताओं की आवाज की नकल कर फर्जी आडियो तैयार कर लेते हैं। फिर यह सामग्री करोड़ों लोगों तक मोबाइल और कंप्यूटर पर पहुंच जाती है।
चीन की कारगुजारियों का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि इस जनवरी में ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी चीन ने ऐसी हरकत की थी। उसने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई आधारित सामग्री तैयार कराई । बता दें कि चीन अपने हैकरों से बेहद शातिराना तरीके से जासूसी कराता है और दूसरे देश के राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में सेंध लगाता है। इसके लिए आडियो और वीडियो के साथ मीम्स भी तैयार कराता है।
माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम की पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई है। इसके मुताबिक चीन समर्थक साइबर समूह 2024 में होने वाले हाई प्रोफाइल चुनावों को निशाना बनाएंगे। इस खेल में उत्तर कोरिया भी है। जाहिर है उसकी दिलचस्पी दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनावों में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और भारत में होने वाले चुनावों पर कुछ हद तक उत्तर कोरियाई टीम भी प्रभाव डालने की कोशिश कर सकती है।
माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि चीनी हैकर एआई की सहायता से कुछ सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करेगा। कुल जमा ये कि खुफिया जासूसी से निकल कर चीन अब चुनावों की जासूसी करने लगा है। उसका इरादा संबंधित देशों के मतदाताओं को प्रभावित करने और अपना मतलब साधने का है। (मीडिया में आई खबरों पर आधारित)
तस्वीर : प्रतीकात्मक