नई दिल्ली। क्या कोई जासूस एक मुकाम हासिल करने के बाद राजनीति में उतर सकता है? ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में नहीं मिलता, लेकिन जर्मनी के एक जासूस ने इस धारणा को तोड़ दिया। यह जासूस है जार्ज मासेन। मासेन जर्मन घरेलू खुफिया सेवा के प्रमुख रहे। उन पर कार्यकाल के दौरान दक्षिणपंथियों के खतरे को कम आंकने का आरोप लगाया गया और बाद में उन्हें सेवा से हटा दिया गया। इसके बाद मासेन लगातार अपनी उग्र टिप्पणियों के कारण जल्दी ही चर्चित हो गए।

मासेन अब न केवल राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं बल्कि एक राजनीतिक दल की स्थापना भी कर दी है। इसका उद्घाटन जर्मनी की पुरानी राजधानी बॉन के पास किया गया। पिछले दिनों आई खबरों के मुताबिक जर्मनी में इस साल बनी तीसरी राजनीतिक पार्टी है। इस साल के शुरू में वामपंथी नेता सहरा वैगनकनेच एक नई लोकलुभावन पार्टी बनाई थी। जर्मनी की राजनीति में यह एक नया परिदृश्य है।

जर्मनी खुफिया सेवा के प्रमुख मासेन को लापरवाही के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। कहा ये भी गया कि पूर्वी शहर केमनिट्ज में प्रवासियों का पीछा करते हुए दूर-दराज चरमपंथियों को दिखाने वाले एक वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने पर उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया। बाद में सेवा से बाहर ही कर दिया गया। कहा ये भी जा रहा है कि सुरक्षा एजंसियां उन पर निगरानी रख रही हैं। मासेन प्रवासियों के खिलाफ थे। विशेषज्ञों ने उनको कट्टरपंथी करार दिया। यह भी कहा कि कट्टरवाद से लड़ने के लिए बनी एजंसी के पूर्व प्रमुख के लिए यह सचमुच खराब बात है।

इस बीच मेसन ने कहा कि उनकी नई पार्टी वैल्यूज यूनियन आगामी चुनावों के बाद सत्ता में आने के लिए दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के साथ काम करना चाहेगी। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि वह गठबंधन बनाना चाहेगी।  संसद में व्यक्तिगत मसौदा कानूनों पर पार्टी सहयोग करेगी। बता दें कि मासेन की वैल्यूज यूनियन को एक छोटा राजनीतिक आंदोलन बताया जा रहा है। मासेन के इरादों से लगता है कि जर्मनी की राजनीति में एक दिन बदलाव हो सकता है।

वैसे मासेन की राजनीतिक पार्टी का जर्मनी में विरोध भी हो रहा है। इस पार्टी की बैठक की बात सामने आने के बाद जर्मनी में कई प्रदर्शन भी हुए। यह भी उल्लेखनीय है कि जर्मनी की घरेलू खुफिया एजंसी ने अपने ही पूर्व प्रमुख को जांच के दायरे में रखा है। मासेन दक्षिणपंथी उग्रवाद पर नरमी रखने के लिए जाने जाते हैं। इसी कारण न केवल उनकी नौकरी गई बल्कि उनके कई विरोधी भी हो गए।  

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