नई दिल्ली। जब अपनी गर्दन फंसी होती है तो क्या कोई व्यक्ति और क्या कोई देश, अपनी पूरी ताकत लगा देता है। आजकल यही हालत रूस की है। दरअसल, रूस का एक जासूस वादिम क्रासिकोव जर्मनी में कैद है। उसे छुड़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी जान से जुटे हुए हैं। इसके लिए वे अमेरिकी पत्रकार इवान गर्शकोविच को छोड़ने के लिए तैयार हैं। रूस की सुरक्षा सेवा (एफएसबी) के जासूस वादिम क्रासिकोव इस समय जर्मनी में सलाखों के पीछे है। उस पर 2019 में एक चेचेन कमांडर पर हत्या का इलजाम लगा था। सुनवाई के बाद उसे उम्रकैद की सजा हुई।

खबरों के मुताबिक इस रूसी जासूस ने बर्लिन के एक पार्क में चेचेन कमांडर की हत्या कर दी थी। हत्या कर वह साइकिल से भाग निकला। इस दौरान उसने उसने नदी में अपनी पिस्तौल और विग को फेंक दिया। बाद में उसे पुलिस ने जर्मनी के संसदीय परिसर स्थित एक इमारत से गिरफ्तार किया। कहा यह भी गया कि क्रासिकोव मास्को में एक होटल मालिक की हत्या का भी आरोपी है। वह उस घटना के बाद फरार हो गया था। यहां भी वह साइकिल से आया और होटल मालिक को गोली मार दी। मगर बाद में उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निरस्त कर दिया गया। यहां तक की उसकी पहचान भी मिटा दी गई।

पहचान मिट जाने जाने के बाद क्रासिकोव जर्मनी पहुंच गया। यहां वह वादिम सोकोलोव के नाम से लोगों के बीच था। इसके बाद उसे पासपोर्ट ही नहीं मिला, टिन यानी टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर भी जारी किया गया। ये सारे कागजात उसे रूस ने ही मुहैया कराए। क्योंकि क्रासिकोव उसकी खुफिया एजंसी का जासूस था। बताते हैं कि बर्लिन में हत्या के इस आरोपी के पास जो पहचान पत्र मिला, उस पर क्रासिकोव की जगह वादिम सोकोलोव लिखा था।

अब यह सूचना छन कर आई है कि राष्ट्रपति पुतिन अपने जासूस को छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ समय पहले अमेरिकी टॉक शो के दौरान उन्होंने कहा था कि अमेरिकी इवान गर्शकोविच के बदले हम जल्द से जल्द क्रसिकोव को जर्मनी से लाने का प्रयास कर रहे हैं। पुतिन ने तो यहां तक कहा कि उनके देशभक्त ने यूरोपीय देश में एक दुश्मन को खत्म कर दिया। दरअसल, यह कथित देशभक्त क्रासिकोव रूसी सुरक्षा सेवा के विमपेल यूनिट का हिस्सा था। यह इकाई रूस में आतंकवाद के खिलाफ मुहिम चलाती है। मगर कुछ सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि यह इकाई दूसरे देशों में दुश्मनों की हत्या करने की साजिश रचती है।

राष्ट्रपति पुतिन का इस जासूस से क्यों लगाव है? खबरें बताती हैं कि राष्ट्रपति पुतिन उसे निजी तौर पर जानते हैं। क्रासिकोव से वे एक टारगेट शूटिंग रेंज में मिले थे। तब से उसे और उसके कारनामे जानते थे। वैसे चेचेन कमांडर की हत्या के बाद रूस ने इसके पीछे अपना हाथ होने से इनकार कर दिया था। वहीं इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था। अदला-बदला का खेल करने में रूस माहिर है। वह पहले भी हथियारों के एक कारोबारी को अमेरिका के चंगुल से छुड़ा चुका है।  

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