लेखिका अनीता प्रभाकर की स्मृति में शुरू की गई पहली कहानी प्रतियोगिता में मेरठ की रेनू मंडल  की कहानी ‘रूहानी रिश्ते’ को प्रथम घोषित किया गया है। दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ रायपुर की रजनी शर्मा की कहानी ‘बीस कोड़ी गांव’ रही। तीसरे स्थान के लिए क्रम से दिल्ली के सुदर्शन खन्ना और नोएडा की मीनू त्रिपाठी की कहानी ‘दृष्टिकोण’ और ‘वापसी संभव’ को चुना गया गया है। वहीं सांत्वना पुरस्कार के लिए भी सात लेखिकाओं को चुना गया है।

हिंदी में यह कहानी प्रतियोगिता प्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की पुत्री अनीता प्रभाकर की स्मृति में विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान ने शुरू की है। यह अब हर साल साल आयोजित होगी। विजेताओं को 27 अप्रैल को राजधानी में साहित्य अकादेमी के सभागार में पुरस्कृत किया जाएगा।

विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार प्रभाकर बताया कि यह बहुत सुखद  है कि हिंदी कहानी लेखन में महिलाएं अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उनके मुताबिक प्रतियोगिता के लिए कुल 139 कहानियां मिलीं, जिनमें 95 महिलाओं और 44 पुरुष लेखकों ने अपनी-अपनी कहानियां भेजी थीं। यह और भी सुखद है कि  सभी  11 विजेताओं में एक पुरुष के साथ सभी महिलाएं ही हैं। कहानियों का चयन तीन चरणों में पूरा हुआ। निर्णायक मंडल में  कथाकार महेश दर्पण, साहित्यकार  डॉ ब्रजेन्द्र त्रिपाठी और अलका सिन्हा शामिल थीं।

प्रतियोगिता के लिए विभिन्न राज्यों के साथ साथ विदेश (कनाडा) से भी कहानियां आई।

जिन लेखिकाओं का सांत्वना पुरस्कार के लिए चयन किया गया है उनमें हंसा दीप, (कनाडा), रंजना जायसवाल, (मिर्जापुर), सुमन वाजपई, वसुधा कनुप्रिया, (दिल्ली), आशा शर्मा, (बीकानेर), कृष्णलता यादव, (गुरुग्राम), नीरू मित्तल नीर (पंचकूला) के नाम शामिल हैं।

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