नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जहां अमेरिका चौकन्ना है, वहीं उसके सहयोगी देश भी पैनी नजर बनाए हुए हैं। इनमें जर्मनी और ब्रिटेन खास तौर से शामिल हैं। वहीं इन देशों की खुफिया एजंसियां भी सतर्क हो गई हैं। रूसी हमले में तबाह यूक्रेन की जो देश मदद कर रहे हैं उनमें जर्मनी भी शामिल हैं। वह किस तरह की मदद कर रहा है और वह यूक्रेन की मदद के लिए क्या कदम उठाएगा, यह रूस जानना चाहता है। उसके जासूस रूस में घुसपैठ कर चुके हैं। पिछले दिनों रूस के कुछ जासूस जर्मनी में पकड़े गए।

बर्लिन से आ रही खबरों के मुताबिक रूस के लिए जासूसी करने और यूक्रेन की सहायता में बाधा डालने की योजना बनाते दो संदिग्ध जासूसों को पकड़ा है। अदालत ने डाइटर एस नाम के एक शख्स को संभावित अभियोग लंबित रहने तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। वहीं अलेक्जेंडर जे को बंद कमरे वाली अदालत में पेश किया गया। संदिग्धों पर आरोप है कि वे जर्मनी में सैन्य और औद्योगिक स्थलों के बुयिादी ढांचों को बम से उड़ाने और आगजनी की योजना बना रहे थे। सरकारी वकीलों ने बताया है कि जर्मनी में जासूसी के संदेह में जर्मन-रूसी लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

संघीय आयोजकों ने बताया कि इन दोनों आरोपियों पर जर्मनी गोपनीयता नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बेवजह बेयरूथ के बवेरियन शहर से गिरफ्तार किया गया। इन दोनों की पहचान अलेक्जेंडर और डाइटर एस के रूप में हुई। डाइटर पर आरोप है कि वह रूसी खुफिया विभाग से जुड़े एक व्यक्ति से जर्मनी में तोड़फोड़ की संभावित कार्रवाईयों पर चर्चा कर रहे थे। इसका उद्देश्य यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता में बाधा पहुंचाना था। यह भी आरोप है कि इस संदिग्ध ने अमेरिकी सैन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। आरोप है कि अलेक्जेंडर ने एन सब कामों में इसकी मदद की। इसके बाद डाइटर ने उन स्थलों की तस्वीरें लीं जो सैन्य संबंधित थे। फिर उसने अपने खुफिया संपर्क को दे दी।

आरोपी डाइटर को इससे पहले भी पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थक अलगाववादी ताकतों से जुड़े होने का गंभीर आरोप लगाया गया था। इन दोनों जासूसों की गिफ्तारी के बाद जर्मन के न्याय मंत्री मार्को बुशमैन ने कहा कि हमें पता है कि रूस हम पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। जर्मनी इस खतरे से अवगत है। हमें मजबूती से इस पर अपनी प्रतिक्रिया करनी चाहिए। वहीं आंतरिक सुरक्षा मंत्री नैंसी फेसर ने कसम खाई कि जर्मनी ऐसे किसी भी खतरे को नाकाम करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हम डरेंगे नहीं। हम यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखेंगे।

रूस ने यूक्रेन पर दो साल पहले उसकी सीमाओं में घुस कर तबाही मचाना शुरू कर दिया था। दोनों देशों के बीच संघर्ष आज भी जारी है। रूस की इस कार्रवाई का सभी प्रमुख देश विरोध कर रहे हैं। इनमें तो कई देश यूक्रेन की मदद भी कर रहे हैं। अमेरिका के बाद जर्मनी दूसरा देश है जो यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियारों की अपूर्ति कर रहा है।

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