मैं धरती बन संवरती रही
-डॉ. परमजीत ओबराय तुम पथिक बन चले गए,मैं खड़ी इंतजार करती रही।तुम पाषाण बन स्थिर रहे,मैं नदी बन चलती रही। तुम झील से ठहरे रहे,मैं अनिल बन बहती रही।तुम रवि…
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-डॉ. परमजीत ओबराय तुम पथिक बन चले गए,मैं खड़ी इंतजार करती रही।तुम पाषाण बन स्थिर रहे,मैं नदी बन चलती रही। तुम झील से ठहरे रहे,मैं अनिल बन बहती रही।तुम रवि…
नई दिल्ली। अमूमन ऐसा होता नहीं। परिवार, संगठन, समाज और देश के बीच कोई न कोई गद्दार जरूर छिपा होता है। एक ऐसा ही गद्दार था सीआईए का एक एजंट…
रश्मि वैभव गर्ग सुरेश जी के दोनों बेटों में झगड़ा चल रहा था। दोनों ने अंतत: निश्चय किया कि एक-एक महीने दोनों अपने मां-बाप को रखेंगे। दोनों ही अपने मां-बाप…
नई दिल्ली। परमाणु बम बनाने संबंधी गोपनीय जानकारी चुराने और उसे सोवियत संघ को सौंपने वालों में एक नाम क्लॉस एमिल जूलियस का भी आता है। वह जर्मनी का भौतिक…