कबूतरों ने भी खूब की है जासूसी
नई दिल्ली। जासूस तो अपना काम करते ही हैं। मगर कुछ पशु-पक्षियों के माध्यम से भी जासूसी कराई जाती रही है। इनमें कबूतरों का खूब प्रयोग हुआ है। इसका एक…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
नई दिल्ली। जासूस तो अपना काम करते ही हैं। मगर कुछ पशु-पक्षियों के माध्यम से भी जासूसी कराई जाती रही है। इनमें कबूतरों का खूब प्रयोग हुआ है। इसका एक…
-अंजू खरबंदा चावल के आटे से रंगोली बनाने के फायदे हैं। यह चीटियों, चिड़ियों आदि के खाने के काम आ जाता है। इस तस्वीर को देखकर मुझे ये लघुकथा याद…