नई दिल्ली। चीन का एक संदिग्ध जासूसी जहाज फिर चर्चा में है। अगल-बगल के बंदरगाहों के पास भटकने के बाद उसने फिर मालदीव के पास लंगर डाल दिया है। आखिर यह दोबारा क्यों आया है, इसका पता नहीं चल सका है। माले से आ रही खबरों के मुताबिक चीन का 45 सौ टन वजनी यह जहाज मालदीव के जल क्षेत्र में वापस लौट आया है। एक समाचार पोर्टल के मुताबिक जियाग यांग हंग 03 नाम का यह जहाज औद्योगिक द्वीप थिलाफुशी के पास खड़ा है। कुछ महीने पहले मालदीव के पास इसके मंडराने पर भारत के अलावा अमेरिका ने भी चिंता जताई थी।

मालदीव सरकार को इस चीनी जहाज के बारे में जानकारी है। उसने इस जहाज को बंदरगाह के पास खड़े होने की इजाजत देने की बात मानी है। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। भारत के प्रति उनकी दुर्भावना तब सामने आई, जब आम चुनाव में उन्होंने ‘इंडिया आउट’ जैसे वादे किए। इसके बाद उनके एक के बाद एक नकारात्मक फैसलों से उनकी मंशा जाहिर हो गई थी। इसी के साथ चीन और मालदीव की नजदीकियां भी सामने आई। राष्ट्रपति मोइज्जू चीन के सरकारी दौरे पर भी गए।

अब यह सवाल उठ रहा है कि चीन का यह जासूसी जहाज दोबारा मालदीव के पास क्यों लौटा है। मालदीव का कहना है कि यह जहाज विशेष आर्थिक क्षेत्र में जाने के बाद आया है। यह जहाज इस साल जनवरी से मालदीव क्षेत्र के पास चक्कर लगा रहा था।  अब तो वह काफी नजदीक आ गया है। बता दें यह जहाज 23 जनवरी को माले के नजदीक आया था। वह उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास एक महीने तक रुका था। इसके बाद वह मालदीव जलक्षेत्र में आया और छह दिन तक लंगर डाले रहने के बाद दोबारा उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र सीमा के पास से लौट गया था।

इस जासूसी जहाज में बैठे लोगों की क्या मंशा है, किसी को यह नहीं मालूम। यह जहाज क्यों आया, यह भी स्पष्ट नहीं है। उस पर कई  सवाल उठ रहे हैं। हिंद महासागर से जुड़े देशों की अपनी चिंताएं हैं। हालांकि मालदीव सरकार का दावा है कि चीन का जहाज उसके जल क्षेत्र में कोई जासूसी नहीं करेगा।

आखिर क्यों खास है यह जहाज? यह सभी को जानना चाहिए। चीन ने जियांग यांग होंग03 नाम के इस जहाज को 2018 में अपने बेड़े में शामिल किया था। यह चीन का अकेला ऐसा जहाज है जिसका वजन 45 सौ टन है। यह सौ मीटर लंबा है। इसे चीन के राज्य महासागरीय प्रशासन बेड़े से संबद्ध किया गया है। बताते हैं कि गहरे समुद्र में सर्वेक्षण के लिए चीन इसका उपयोग कर रहा है। यह जहाज पानी के नीचे खनिज की खोज कर सकता है। यही नहीं यह गहरे समुद्र में पर्यावरण और जीवन पर अनुसंधान कर सकता है।  

इस चीनी जहाज के पास आधुनिक तकनीक है यह तमाम आंकड़ा जुटाने के साथ पानी की लहरों और धाराओं को भी माप सकता है। यह जहाज इतना सक्षम है कि बिना किसी की मदद के बिना और बिना रूके लंबी दूरी (15 हदार समुद्री मील) तय कर सकता है। जो भी हो, यह जहाज समुद्री क्षेत्र में पड़ोसियों की जासूसी नहीं करेगा, इससे कौन इनकार करेगा।  

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