हेल्थ डेस्क
जब आप हार्ट अटैक के अधिक जोखिम में होते हैं तो ऐसे में आपके शरीर मे फ्लू जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इस दौरान आपको बुखार, थकावट और छाती में दर्द, पसीना आना, घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह लक्षण आपको दो से दस दिन तक रह सकते हैं। हार्ट अटैक आने से पहले कंधे में दर्द भी हो सकता है। अगर किसी समय आपको अचानक सांस लेने में परेशानी हुई है और साथ में छाती में भी दर्द उठा है, तो ये संकेत हैं कि शायद माइनर हार्ट अटैक आया था। सांस लेने में परेशानी की समस्या पलमोनरी एडिमा की ओर इशारा करती है, जो बताता है कि दिल का दौरा पड़ा है।
साइलेंट हार्ट अटैक के पांच मुख्य कारण ज्यादा तेल मसाले और प्रोसेस्ड फूड का नियमित सेवन, व्यायाम न करना, शराब और सिगरेट पीना। मधुमेह और मोटापा। चिंता और तनाव इत्यादि।
खतरे में दिल
सांस लेने में कठिनाई का मतलब है कि दिल अब सचमुच खतरे में है। इस दौरान लोगों को सामान्य कामकाज के दौरान और आराम करते समय, दोनों ही स्थितियों में सांस लेने में काफी परेशानी महसूस होती है। यह समस्या सोते समयऔर भी बढ़ सकती है।
बचाव के लिए क्या करें?
हृदय रोग से बचाने के लिए सबसे पहले अपनी जीवनशैली बदलें। भोजन से संतृप्त वसा को कम करें। तंबाकू उत्पादों का उपयोग बंद करना होगा। नियमित पैदल चलने की आदत डालनी होगी।
कैसे करें उपचार
आप अपने चिकित्सक की सलाह से समुचित दवा का उपयोग कर बढ़े हुए रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं। हृदय रोगों से बचाव में होमियोपैथी भी कारगर है। आप होमियोपैथी की दवा के लिए अपने चिकित्सक से भी परामर्श कर सकते हैं। (स्रोत : हील इनिशिएटिव)