जासूस डेस्क
नई दिल्ली। बदलते परिदृश्य में दुनिया भर के महत्त्वपूर्ण देश अपनी खुफिया एजंसियों को मजबूत और आधुनिक संचार तंत्र से लैस बना रहे हैं। विश्व के पांच-छह बड़े देशों के खुफिया नेटवर्क के तो सभी कायल हैं। संचार से लैस जासूसों के रहते हुए भी कभी साइबर सेंधमारी, तो कभी अचानक आक्रमण हो जाता है। पिछले साल इजराइल पर अचानक हमास के हमले को पूरी दुनिया ने देखा। हैरत यह है कि मोसाद के तेज-तर्रार जासूसों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जर्मनी सहित कुछ बड़े देशों में साइबर सेंधमारी हुई। ऐसा प्रतीत होता है कि ज्यादातर देश एक दूसरे की जासूसी में हर पल लगे हुए हैं।
प्रतिद्वंद्वी देशों की खुफिया जानकारी जुटाना ही लक्ष्य नहीं रहा कुछ देशों का। अब कुछ देशों ने अपने जासूसों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ‘फाइव आईज अलायंस’ नाम से एक क्लब बनाया है। इस क्लब में विश्व के पांच अहम देशों के जासूस शामिल किए गए। इसका उद्देश्य एक दूसरे की हितों से जुड़ी सूचनाओं को साझा करना है। सब जानते हैं कि रूस और चीन की आक्रामकता से पूरी दुनिया परेशान है। रूस का यूक्रेन पर हमला और चीन की विस्तारवादी नीति से ज्यादातर देश चिंतित हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एक पहल ब्रिटेन और अमेरिका ने की।
कोई नहीं जानता था कि आगे चल कर जासूसों का एक महत्त्वपूर्ण खुफिया समूह बनेगा। इसके बाद ‘फाइव आईज अलायंस’ नाम से बने समूह में आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा को भी शामिल किया गया। तय हुआ कि ये सभी देश एक दूसरे की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं साझा करेंगे। ये सभी देश विकसित और समृद्ध हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनको जिन देशों से खतरा है उनसे सतर्क करने में फाइव आईज मदद करेगा। ऐसा बताया गया है कि हर देश की जासूसी एजंसी को काम बांटा गया है। यहां तक कि उनको संबंधित क्षेत्र सौंपे गए हैं।
अमेरिकी खुफिया एजंसी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह रूस और उत्तरी चीन के साथ एशिया के बड़े हिस्से पर ध्यान केंद्रित करेगा। अमेरिका के जासूसों को यहां हर संदिग्ध हलचल पर नजर रखने के लिए कहा गया है। वहीं आस्ट्रेलिया को दक्षिण चीन पर निगाह रखने का दायित्व है। दूसरी ओर ब्रिटेन के जासूसों को पूरे अफ्रीका के साथ सोवियत संघ के पुराने हिस्से रह चुके देशों पर नजर रखना है। जबकि कनाडा को रूस के उन हिस्सों पर ध्यान रखना है जहां किसी की नजर नहीं जाती। न्यूजीलैंड को पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र देखना है।
‘फाइव आईज अलायंस’ में कई देश जुड़े
पांच देशों के इस खुफिया क्लब में अब कुछ और देश भी जुड़े हैं। इस समय 14 देश इसमें शामिल हो चुके हैं। इसमें फ्रांस, इटली, जर्मनी, नार्वे और स्वीडन जैसे देश भी शामिल हुए हैं। मगर ‘फाइव आइज’ आज भी अपना मजबूत नेटवर्क बनाए हुए है। (मीडिया में आई खबरों पर आधारित)