दादाजी और नई फसल
रश्मि वैभव गर्ग बाबा आप आइसक्रीम खा लो... पलाश ने बड़े प्यार से दादाजी से कहा। नहीं! बेटा मेरी शुगर बढ़ जाएगी, रहने दे; बाबा ने मना किया। बाबा बस…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
रश्मि वैभव गर्ग बाबा आप आइसक्रीम खा लो... पलाश ने बड़े प्यार से दादाजी से कहा। नहीं! बेटा मेरी शुगर बढ़ जाएगी, रहने दे; बाबा ने मना किया। बाबा बस…
नई दिल्ली। चर्चित पत्रकार एवं कथाकार मुकेश भारद्वाज की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘मनमोदी’ ने पाठकों का ध्यान खींचा है। यह वर्तमान प्रधानमंत्री पर लिखी महज एक किताब भर नहीं है…
नई दिल्ली। दुनिया की तमाम सुरक्षा एजंसियां बहुत छानबीन और तमाम परीक्षाएं लेने के बाद जासूसों की भर्ती करती हैं। मगर कई जासूस न केवल अपने नियोक्ता का भरोसा तोड़ते…
अतुल मिश्र रामभरोसे लाल दस्तों को भी गुप्त रोगों में ही शुमार करते थे और उनका मानना था कि गुप्त रोग को हमेशा गुप्त रूप से ही किसी गुप्त रोग…
-संतोषी बघेल एक अनाम खतलिखना चाहती हूं मैंअपनी मां के नाम,ढेरों शिकायतें, ढेरों नाराजगी के साथ।मां ने क्यों नवाजी ये जिंदगी,पूछना चाहती हूं उससे।क्यों दी ये घुटी हुई सांसें,दोगले समाज…
नई दिल्ली। विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी थी। बेल्जियम पर जर्मनी हमला कर चुका था। यह उन्हीं दिनों की बात है। यानी 1914 की गर्मियों की। तब मार्था एक…
नई दिल्ली। कहानी के विस्तार का सिलसिला निरंतर जारी है और जारी रहेगा। हिंदी साहित्य की इस विधा के विलुप्त होने की आशंका निराधार है। नए समय के साथ कहानी…
नई दिल्ली। इजराइल और ईरान तनातनी के बीच खुफिया एजंसी मोसाद का एक विमान पिछले दिनों सऊदी अरब में उतरा। इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। यह विमान वैसे…
अतुल मिश्र ‘गिल्ली-डंडा और कंचे भी क्या अब ओलंपिक में खेले जाएंगे?’ अपने और अपने देश के अतीत से प्यार करने वाले रामभरोसे ने इन भूले-बिसरे खेलों को पुनर्जीवित करने…
नई दिल्ली। कहानियां जिंदगी से निकलती हैं। उनमें कई रंग होते हैं। इन सभी रंगों की अपनी अभिव्यक्ति होती है। इसी से मुकम्मल बनती है जिंदगी। कहानीकार इसी जिंदगी से…