-वंदना मौलश्री
प्रियतम ठाने रार तो,
भूलो तुम तकरार ।
कह कर सुनकर मान लो,
झगड़ा है बेकार।।
प्रियतम राधे श्याम हैं,
यमुना तीरे गांव ।
उत्सव फागुन आ गया,
खेलें कदंब छांव ।।
प्रियतम मनका प्रेम का,
बांधूं मनकी डोर ।
यौवन तो ढल जाएगा,
जीते मन का मोर ।।
जीवन तपती रेत सा,
भीगे नैनन कोर ।।
मेहनत करना भाग्य है,
देगा दाता ठौर ।।