सीआइडी : हिंदी सिनेमा में पहली जासूसी
दिलीप कुमार सुनहरे दौर का एक-एक गीत और एक-एक फिल्म कई कहानियों को समेटे हुए है। सिनेमा के इस दौर को स्वर्णिम काल कहा जाता है। सस्पेंस थ्रिलर फिल्म सीआइडी…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
दिलीप कुमार सुनहरे दौर का एक-एक गीत और एक-एक फिल्म कई कहानियों को समेटे हुए है। सिनेमा के इस दौर को स्वर्णिम काल कहा जाता है। सस्पेंस थ्रिलर फिल्म सीआइडी…
-संतोषी बघेल दुनिया का समस्त प्रेमसिमट जाएगा एक दिन उपालभ्य मेंदुनिया के तमाम मुद्दे भीकिसी कविता की पंक्ति बना करबिसरा दिए जाएंगे। तब तुम जुड़ जाना प्रकृति से,छूकर देखना उन…